भारतीय संविधान संशोधन, अनुसूचियाँ एवं अनुच्छेद

भारतीय संविधान : महत्वपूर्ण संविधान संशोधन, अनुसूचियाँ एवं अनुच्छेद 
संविधान संशोधन, अनुसूचियाँ एवं अनुच्छेद
संविधान संशोधन, अनुसूचियाँ एवं अनुच्छेद

भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संविधान संशोधन 

1st संविधान संशोधन (1951) – इसके द्वारा भारतीय संविधान मे 9वी अनुसूची को जोडा गया है।

7वाॅ संविधान संशोधन (1956) – इसके द्वारा राज्यों का पुनर्गठन करके 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों को पुनर्गठित किया गया है।

10वाॅ संविधान संशोधन (1961) – इसके द्वारा पुर्तगालियों की अधीनता से मुक्त हुए दादरा और नागर हवेली को भारतीय संघ में शामिल किया गया।

12वाँ संविधान संशोधन (1962) – इसके द्वारा गोवा, दमण और दीव का भारतीय संघ में विलय किया गया।

14वाॅ संविधान संशोधन (1962) – इसके द्वारा पाण्डेचेरी को केंद्र शासित प्रदेशके रूप में भारत में विलय किया गया।

18वाॅ संविधान संशोधन (1966) – इसके द्वारा पंजाब राज्य का पुर्नगठन करके पंजाब, हरियाणा राज्य और चण्डीगढ को केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया।

21वाॅ संविधान संशोधन (1967) – इसके द्वारा 8 वी अनुसूची में सिन्धी भाषा को शामिल किया गया

24वाँ संविधान संशोधन (1971) – इसके द्वारा संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने का अधिकार दिया गया है।

45वाॅ संविधान संशोधन (1974) – इसके द्वारा सिक्किम को भारतीय सघं में सह राज्य का दर्जा दिया गया

36वाॅ संविधान संशोधन (1975) – इसके द्वारा सिक्किम को भारतीय सघं में 22 वे राज्य के रूप में सम्मिलित किया गया।

42वाॅ संविधान संशोधन (1976) – यह संविधान संशोधन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाॅधी के समय स्वर्ण सिंह आयोग की सिफारिश के आधार पर किया गया था। यह अभी तक का सबसे बङा संविधान संशोधन है। इस संविधान संशोधन को लघु संविधान की संज्ञा दी जाती है। इस संविधान संशोधन में 59 प्रावधान थे।

1.संविधान की प्रस्तावना में पंथ निरपेक्ष समाजवादी और अखण्डता शब्दों को जोडा गया।

2. मौलिक कर्तव्यों को संविधान में शामिल किया गया।

3.शिक्षा, वन और वन्यजीव, राज्यसूची के विषयों को समवर्ती सूची में शामिल किया गया।

4.लोक सभा और विधान सभा के कार्यकाल को बढाकर 5 से 6 वर्ष कर दिया गया।

5.राष्ट्रपति को मंत्रीपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य किया गया।

6.ससंद द्वारा किये गये संविधान संशोधन को न्यायालय में चुनौती देने से वर्जित कर दिया गया है

44वाँ संविधान संसोधन (1978) –

(1) सम्पत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों से हटाकर कानूनी अधिकार बना दिया है।

(2) लोक सभा और विधान सभा का कार्यकाल पुनः घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया।

(3) राष्ट्रीय आपात की घोषणा आंतरिक अशान्ति के आधार पर नहीं बल्कि सशस्त्र विद्रोह के कारण की जा सकती है।

(4) राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया गया कि वह मंत्री मण्डल की सलाह को एक बार पुर्नविचार के लिए वापस कर सकता है। लेकिन दूसरी बार वह सलाह मानने के लिए बाध्य होगा।

48वाॅ संविधान संशोधन (1984) -संविधान के अनुच्छेद 356 (5) में परिवतर्न करके यह व्यवस्था की गई कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन की अवधि को दो वर्ष तक और बढाया जा सकता है।

52वाँ संविधान संशोधन (1985) – इसके द्वारा संविधान में 10 वी अनुसूची को जोडकर दल बदल को रोकने के लिए कानून बनाया गया।

56वाँ संविधान संशोधन (1987) – इसके द्वारा गोवा को राज्य की श्रेणी में रखा गया।

61वाँ संविधान संशोधन (1989) – संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके लोक सभा और राज्य विधान सभाओं में मताधिकार की उम्र 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।

71वाँ संविधान संशोधन (1992) – इसके द्वारा संविधान की 8 वी अनुसची में कोकणी , मणिपुरी, और नेपाली भाषाओं को जोडा गया।

73वाँ संविधान संशोधन (1992) – इसके द्वारा संविधान में 11 वी अनुसची जोडकर सम्पूर्ण देश में पंचायती राज्य की स्थापना का प्रावधान किया गया।

74वाँ संविधान संशोधन (1992) – इसके द्वारा संविधान में 12 वी अनुसूची जोडकर नगरीय स्थानीय शासन को संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया गया।

84वाँ संविधान संशोधन (2001) – इसके द्वारा 1991 की जनगणना के आधार पर लोक सभा और विधान सभा क्षेत्रों के परिसीमन की अनुमति प्रदान की गई।

86वाँ संविधान संशोधन (2003) – इसके द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार की श्रेणी में लाया गया।

भारत के संविधान की अनुसूचियाँ की सूची

1) प्रथम अनुसूची :- इसके अंतर्गत भारत के 29 राज्य तथा 7 केंद्र शासित प्रदेशो का उल्लेख किया गया है|

2) दूसरी अनुसूची : इसमें भारतीय संघ के पदाधिकारियों (राष्ट्रपति ,राज्यपाल ,लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष , राजसभा के सभापति एवं उपसभापति ,विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष,विधान परिषद् के सभापति एवं उपसभापति,उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और भारत के नियत्रंक महालेखा परीक्षक आदि ) को मिलने वाले वेतन, भत्ते तथा पेंशन का उल्लेख है

3) तीसरी अनुसूची :- इसमें भारत के विभिन्न पदाधिकारियों(राष्ट्रपति , उप राष्ट्रपति , उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों ) की शपथ का उल्लेख है

4) चौथी अनुसूची :- इसके अंतर्गत राज्यों तथा संघीय क्षेत्रो की राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है|

5) पाँचवी अनुसूची :- इसमें अनुसूचित क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजाति के प्रशासन व नियंत्रण के बारे में उल्लेख है|

6) छठी अनुसूची :- इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान हैं|

7) सातवी अनुसूची :- इसके अंतर्गत केंद्र व राज्यों के बीच शक्तियों का बटवारे के बारे में दिया गया है| इसके अंतर्गत तीन सूचियां है :-

i) संघ सूची :- इसके अंतर्गत 100 विषय है| इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केवल केंद्र को है | संविधान के लागू होने के समय इसमे 97 विषय थे |

ii) राज्य सूची :- इस सूची में 61 विषय है| जिन पर कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य को है| लेकिन राष्ट्रहित से सम्बन्धित मामलो में केंद्र भी कानून बना सकता है | संविधान के लागू होने के समय इसमे 66 विषय थे |

iii) समवर्ती सूची :- इसके अंतर्गत 52 विषय है| इन पर केंद्र व राज्य दोनों कानून बना सकते है|परन्तु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून मान्य होता है|राज्य द्वारा बनाया गया कनून केंद्र द्वारा बनाने के बाद समाप्त हो जाता है| संविधान के लागू होने के समय इसमे 47 विषय थे |

8) आठवी अनुसूची :- इसमें भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं का उल्लेख किया गया है| मूल संविधान में 14 मान्यता प्राप्त भाषाए थी | सन 2004 में चार नई भाषाए मैथली, संथाली, डोगरी और बोडो को इसमें शामिल किया गया |

9) नौंवी अनुसूची :- यह अनुसूची प्रथम संविधान संसोधन अधिनियम 1951 द्वारा जोड़ी गयी थी| इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती| लेकिन यदि कोई विषय मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करे तो उच्चतम न्यायालय इस कानून की समीक्षा कर सकता है| अभी तक नौंवी अनुसूची में 283 अधिनियम है, जिनमे राज्य सरकार द्वारा सम्पति अधिकरण का उल्लेख प्रमुख है|

10) दसवी अनुसूची :- इसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा गया| इस अनुसूची में दल-बदल सम्बन्धित कानूनों का उल्लेख किया गया है|

11) ग्यारहवी अनुसूची :- यह अनुसूची 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा गया| यह अनुसूची पंचायती राज से सम्बन्धित है, जिसमे पंचायती राज से सम्बन्धित 29 विषय है|

12) बारहवी अनुसूची :- यह अनुसूची 74वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा गया| इसमें शहरी क्षेत्रों के स्थानीय स्वशासन संस्थानों से सम्बन्धित 18 विषय है|

महत्वपूर्ण अनुच्छेद
अनुच्छेद 1 :- भारत अर्थात India राज्यों का संघ होगा।
अनुच्छेद 2 :- नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
अनुच्छेद 3 :- राज्य का निर्माण तथा सीमाओं या नामों मे परिवर्तन
अनुच्छेद 4 :- पहली अनुसूची व चौथी अनुसूची के संशोधन तथा दो और तीन के अधीन बनाई गई विधियां
अनुच्छेद 5 :- संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता
अनुच्छेद 6 :- भारत आने वाले व्यक्तियों को नागरिकता
अनुच्छेद 7 :-पाकिस्तान जाने वालों को नागरिकता
अनुच्छेद 8 :- भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों का नागरिकता
अनुच्छेद 9 :- विदेशी राज्य की नागरिकता लेने पर नागरिकता का ना होना
अनुच्छेद 10 :- नागरिकता के अधिकारों का बना रहना
अनुच्छेद 11 :- संसद द्वारा नागरिकता के लिए कानून का विनियमन
अनुच्छेद 12 :- राज्य की परिभाषा
अनुच्छेद 13 :- मूल अधिकारों को असंगत या अल्पीकरण करने वाली विधियां
अनुच्छेद 14 :- विधि के समक्ष समानता
अनुच्छेद 15 :- धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव पर रोक।
अनुच्छेद 16 :- लोक नियोजन में अवसर की समानता
अनुच्छेद 17 :- अस्पृश्यता का अंत
अनुच्छेद 18 :- उपाधियों का अंत
अनुच्छेद 19 :- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 19 A :- सूचना का अधिकार
अनुच्छेद 20 :- अपराधों के दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण
अनुच्छेद 21 :-प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
अनुच्छेद 21 A :- 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार
NOTE - निजता का अधिकार भी अनुच्छेद 21 के अंतर्गत ही आता है।
अनुच्छेद 22 :– कुछ दशाओं में गिरफ्तारी से सरंक्षण
अनुच्छेद 23 :- मानव के दुर्व्यापार, बेगारी एवं बलात श्रम पर प्रतिबंध
अनुच्छेद 24 :- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखानों, खान या किसी खतरनाक उद्योग में कार्य नही कराया जा सकता है।
अनुच्छेद 25 :- धर्म का आचरण और प्रचार की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 26 :-धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 29 :- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
अनुच्छेद 30 :- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
अनुच्छेद 32 :-संवैधानिक उपचारों का अधिकार (संविधान की आत्मा)
अनुच्छेद 39 A :- सभी के लिए समान न्याय एवं निःशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।
अनुच्छेद 40 :- ग्राम पंचायतों का संगठन
अनुच्छेद 44 :- समान नागरिक संहिता
अनुच्छेद 48 :- कृषि और पशुपालन संगठन
अनुच्छेद 48 A :- पर्यावरण वन तथा वन्य जीवों की रक्षा
अनुच्छेद 49 :- राष्ट्रीय स्मारक स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
अनुच्छेद 50 :- कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण
अनुच्छेद 51 :- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा
अनुच्छेद 51 A :- मूल कर्तव्य
अनुच्छेद 52 :- भारत का राष्ट्रपति
अनुच्छेद 53 :- संघ की कार्यपालिका शक्ति
अनुच्छेद 54 :- राष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 55 :- राष्ट्रपति के निर्वाचन प्रणाली
अनुच्छेद 56 :- राष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 57 :- पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
अनुच्छेद 58 :- राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए आहर्ताए
अनुच्छेद 60 :- राष्ट्रपति की शपथ
अनुच्छेद 61 :- राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
अनुच्छेद 63 :- भारत का उपराष्ट्रपति
अनुच्छेद 64 :- उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना
अनुच्छेद 65 :- राष्ट्रपति के पद की रिक्त पर उप राष्ट्रपति के कार्य
अनुच्छेद 66 :- उप-राष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 67 :- उपराष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 68 :- उप राष्ट्रपति के पद की रिक्त पद भरने के लिए निर्वाचन
अनुच्छेद 69 :- उप राष्ट्रपति द्वारा शपथ
:अनुच्छेद 70 :- अन्य आकस्मिकता में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन
अनुच्छेद 71. :- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधित विषय
अनुच्छेद 72 :-क्षमादान की शक्ति
अनुच्छेद 73 :- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
अनुच्छेद 74 :- राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद
अनुच्छेद 75 :- मंत्रियों के बारे में उपबंध
अनुच्छेद 76 :- भारत का महान्यायवादी
अनुच्छेद 77 :- भारत सरकार के कार्य का संचालन
अनुच्छेद 78 :- राष्ट्रपति को जानकारी देने के प्रधानमंत्री के कर्तव्य
अनुच्छेद 79 :- संसद का गठन
अनुच्छेद 80 :- राज्य सभा की सरंचना
अनुच्छेद 81 :- लोकसभा की संरचना
अनुच्छेद 83 :- संसद के सदनो की अवधि
अनुच्छेद 84 :-संसद के सदस्यों के लिए अहर्ता
अनुच्छेद 85 :- संसद का सत्र सत्रावसान और विघटन
अनुच्छेद 87 :- राष्ट्रपति का विशेष अभी भाषण
अनुच्छेद 89 :-राज्यसभा का सभापति और उपसभापति
Kkr Kishan Regar

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