फस्र्ट ईयर में प्रमोशन, बाकी कक्षाओं की हो परीक्षाएं

राज्य सरकार ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. देव स्वरूप की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी।



अजमेर.


कॉलेज-विश्वविद्यालयों की सत्र 2020-21 की परीक्षाओं और प्रमोशन फार्मूले का लाखों विद्यार्थियों को इंतजार है। प्रो. देवस्वरूप कमेटी ने सभी विश्वविद्यालयों से चर्चा की है। अधिकांश कुलपतियों ने प्रथम वर्ष में प्रमोशन और बाकी कक्षाओं की परीक्षाएं कराने की सिफारिश की है। कमेटी की रिपोर्ट पर अंतिम फैसला राज्य सरकार लेगी।


कोरोना संक्रमण के कारण राज्य के कॉलेज और विश्वविद्यालयों की स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाएं अटकी हुई हैं। इसके चलते राज्य सरकार ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. देव स्वरूप की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। इसमें अजमेर, उदयपुर, बांसवाड़ा विश्वविद्यालयों के कुलपति, कॉलेज शिक्षा आयुक्त और उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सदस्य बनाए गए।


*कराई जानी चाहिए परीक्षाएं*


अधिकृत सूत्रों के अनुसार अधिकांश कुलपतियों-प्राचार्यों ने प्रथम वर्ष में प्रमोशन और द्वितीय, तृतीय वर्ष, स्नातकोत्तर पूर्वाद्ध, उत्तराद्र्ध की परीक्षाएं कराने पर जोर दिया है। उनका मानना है, कि विद्यार्थियों को लगातार दूसरे साल प्रमोट करना तर्क संगत नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा इंतजाम के साथ पिछले साल भी तृतीय वर्ष और पीजी स्तर की बकाया परीक्षाएं कराई गई थीं।


*असमंजस में विद्यार्थी*


कॉलेज-विश्वविद्यालयों के लाखों विद्यार्थी असमंजस में है। उनकी वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं पर स्थिति साफ नहीं है। ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन पढ़ाई जारी है। परीक्षाएं कराए बगैर संस्थानों में सत्र 2021-22 के प्रवेश भी मुश्किल हैं। हालांकि कमेटी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों से चर्चा की है।


*यह हैं खास सिफारिश...*


-प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को किया जाए प्रमोट

-द्वितीय वर्ष में मल्टीपल च्वॉइस परीक्षा

-तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों की लाएं परीक्षाएं

-भविष्य में केवल सालाना परीक्षा के बजाय सेमेस्टर एग्जाम

-कैंपस खुलने से पहले और बाद में विद्यार्थियों का टीकाकरण



पूर्व में यह थी सूचना



एक टिप्पणी भेजें

कमेंट में बताए, आपको यह पोस्ट केसी लगी?

और नया पुराने
Publication of any key/guidebook to any textbook published by any university/board as part of their prescribed syllabus , does not violate the principles and laws of copyright . It is open to any member of the public to publish reviews/criticism/guide/key to the said website.