जनपद से साम्राज्य की ओर : सोलह महाजनपद, मगध, मौर्य साम्राज्य, अशोक, महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

छठी सदी ई.पू. में भारत में 16 महाजनपदों का विकास हुआ। इनमें मगध का उत्कर्ष हुआ। मगध पर ही मौर्य वंश ने अपना प्रभुत्व स्थापित किया था।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के उद्देश्य, मूल तत्व एवं विशेषता | Rashtriya Shiksha Niti 1986

  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के उद्देश्य, मूल तत्व  एवं विशेषता    नमस्कार प्रिय मित्रों ,           आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के उद्देश्य, मूल तत्व एवं विशेषता क्या है ? राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के उद्देश्य, मूल तत्व एवं विशेषता को विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे |

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छठी सदी ई.पू. में भारत में 16 महाजनपदों का विकास हुआ। इनमें मगध का उत्कर्ष हुआ। मगध पर ही मौर्य वंश ने अपना प्रभुत्व स्थापित किया था।

वैदिक काल : वैदिक सभ्यता, ऋग्वैदिक काल, आर्य, अर्थ व्यवस्था, राज्य व्यवस्था, परिवर्तन, महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

सिन्धु सभ्यता के बाद में वैदिक सभ्यता का भारत में विकास हुआ। हड़प्पा के आस-पास के क्षेत्रों में आर्य या इंडो आर्य नामक नये लोगों ने भारत में प्रवेश किया। इनकी सभ्यता को ही वैदिक सभ्यता के नाम से जाना जाता है। वैदिक साहित्य  वैदिक साहित्य में वेद, उप…

हड़प्पा सभ्यता : उद्भव और विस्तार, नगर नियोजन, अवशेष, आर्थिक दशा, उद्योग और शिल्प, व्यापार, पतन, महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

हड़प्पा सभ्यता हड़प्पा सभ्यता की खोज 1920-22 में हुई। उस समय हड़प्पा और मोहनजोदड़ो दो प्रमुख नगर खुदाई में प्राप्त हुए थे। जिसमें हड़प्पा की खुदाई दयाराम साहनी ने की थी जबकि मोहनजोदड़ो की खुदाई राखलदास बनर्जी ने की थी। हड़प्पा रावी नदी के किनारे पर स्थ…

महात्मा गाँधी : जीवन-परिचय, जीवन-दर्शन, शिक्षा-दर्शन, बेसिक शिक्षा, शिक्षा दर्शन का मूल्यांकन

महात्मा गाँधी [MAHATMA GANDHI (1869-1948)] जीवन-परिचय (LIFE-SKETCH) भारतीय संत परम्परा में सत्य व अहिंसा, धार्मिक जीवन के मेरुदण्ड रहे हैं और धर्म के दस लक्षणों में इनकी गणना होती आ रही है। आदर्श व व्यक्तिगत आचरण के रूप में इनका चरम उत्कर्ष अनेक महा…

रवीन्द्रनाथ टैगोर | जीवन परिचय | रचनाएँ | जीवन-दर्शन | शिक्षा-दर्शन

रवीन्द्रनाथ टैगोर [RAVINDRA NATH TAGORE (1861-1941 ) ] जीवन-परिचय (LIFE-SKETCH) भारत की महान् कवि परम्परा में कालिदास व तुलसीदास के बाद गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर एकमात्र ऐसे कवि जिन्होंने विश्व जनीन भावों को अपने काव्य के माध्यम से व्यक्त करके विश्व…

स्वामी विवेकानन्द | जीवन-परिचय | जीवन-दर्शन | शिक्षा-दर्शन | शैक्षिक योगदान

स्वामी विवेकानन्द [SWAMI VIVEKANAND (1863-1902)] जीवन-परिचय (LIFE-SKETCH) स्वामीजी क्या थे ? इस बात का आभास टैगोर द्वारा लिखे गये रोमारोलाँ के पत्र के एक वाक्य से होता है-  "अगर तुम भारत के बारे में जानना चाहते हो तो विवेकानन्द का अध्ययन कीजिये…

जैन दर्शन एवं शिक्षा | जैन धर्म का अर्थ | जैन धर्म का जन्म | जैन दर्शन के सिद्धान्त | शैक्षिक विचार

जैन दर्शन एवं शिक्षा [JAIN PHILOSOPHY AND EDUCATION] जैन धर्म का अर्थ (MEANING OF JAIN RELIGION) "जैन" "जिन' शब्द से बनाया गया है। जैन साहित्य (Jain literature) में जैन का अर्थ इन्द्रियों को जीतने वाला होता है। इन्द्रियों को जीतने…

सूक्ष्म शिक्षण | प्रस्तावना-कौशल | प्रश्न कौशल | उद्दीपन परिवर्तन कौशल | दृष्टान्त / उदाहरण कौशल | श्याम पट्ट प्रयोग-कौशल

सूक्ष्म शिक्षण- एक परिचय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय का प्रमुख कार्य प्रभावशाली शिक्षक तैयार करना है। मनोवैज्ञानिकों एवं शिक्षा शास्त्रियों ने शिक्षण क्रियाओं में सुधार तथा विकास हेतु अनेक प्रयोगों के आधार पर कई सुझाव प्रस्तुत किये हैं। उनके आधार प…

उपनिषद् एवं शिक्षा | उपनिषद् का अर्थ | संख्या और काल | प्रमुख उपनिषद | शिक्षा के उद्देश्य | शिक्षण विधियाँ

उपनिषद् एवं शिक्षा [UPANISHAD & EDUCATION ] उपनिषद् का अर्थ (MEANING OF UPANISHAD) उपनिषद् शब्द में उप तथा नि, उपसर्ग हैं और सद् मूलधातु है। सद् धातु के तीन अर्थ हैं। पहला अर्थ है नाश, दूसरा अर्थ है गति या प्राप्ति और तीसरा अर्थ है अवसाद या अन्त…

वेदान्त दर्शन | अद्वैत वेदान्त दर्शन और शिक्षा | वेदान्त का अर्थ | वेदान्त के सम्प्रदाय | वेदान्त दर्शन की तत्व मीमांसा

अद्वैत वेदान्त एवं शिक्षा [ADVAIT VEDANT AND EDUCATION] अद्वैत वेदान्त दर्शन और शिक्षा (EDUCATION AND ADVAIT VEDANT PHILOSOPHY) वेदान्त संसार के सबसे पुराने साहित्य में गिने जाते हैं । इस साहित्य के महत्व के बारे में भाषण देते हुए मैक्समूलर ने कहा थ…

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