शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व

शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व

शिक्षक-अनुसंधान का अर्थ-

     शोध, खोज, अनुसंधान, अन्वेषण एवं गवेषण आदि सभी शब्द अनुसंधान के पर्यायवाची शब्द है|शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व
जिसे आंग्ल भाषा में Research (रिसर्च) कहते हैं|
Research =  Re (पुन:) + Search (खोजना)
जिसका अर्थ अधिक सुनिश्चित होने के लिए पुन: खोजना होता है|
अनुसंधान एक व्यवस्थित प्रक्रिया कहा गया है, जो पूर्णरूपेण सुनियोजित है| जिसके द्वारा नवीन ज्ञान की खोज की जाती है एवं जटिल समस्याओं को हल किया जाता है |शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व


अनुसंधान की परिभाषाएं-
     जान डब्लू वेस्ट के अनुसार अनुसंधान एक अधिक औपचारिक क्रमिक एवं सघन प्रक्रिया है जिसमें वैज्ञानिक विधि के माध्यम से विश्लेषण को प्रयोग किया जाता है, इसमें अनुसंधान की व्यवस्थित संरचना को समाहित किया जाता है जिसके फलस्वरूप निष्कर्ष निकाले जाते हैं|शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व परिणामत: औपचारिक अभिलेख तैयार किया जाता है|shaikshik anusandhan ki prakriti, shaikshik mulyankan in hindi, shiksha me shodh ka mahatva, kriyatmak anusandhan ki avashyakta,shaikshik anusandhan ke uddeshy, parikalpana ka anusandhan mein kya bhumika hai, educational research pdf in hindi, shiksha mein shodh ka mahatva, शैक्षिक अनुसंधान, शैक्षिक अनुसंधान क्या है
     पीएम कुक अनुसंधान को परिभाषित करते हुए कहते हैं कि "यह किसी समस्या के प्रति ईमानदारी एवं व्यापक रूप में बुद्धिमता से की गई खोज है जिसमें तथ्यों एवं सिद्धांतों की विवेचना एवं अर्थ समाहित रहते हैं|"shaikshik anusandhan ki prakriti, shaikshik mulyankan in hindi, shiksha me shodh ka mahatva, kriyatmak anusandhan ki avashyakta,shaikshik anusandhan ke uddeshy, parikalpana ka anusandhan mein kya bhumika hai, educational research pdf in hindi, shiksha mein shodh ka mahatva, शैक्षिक अनुसंधान, शैक्षिक अनुसंधान क्या है

शैक्षिक अनुसंधान की विषय परिधि-
1.शिक्षार्थी- शैक्षिक अनुसंधान की विषय परिधि का सबसे प्रमुख तत्व है शिक्षार्थी, जो किसी भी स्तर का हो, किसी भी वर्ग का हो, किसी भी आयु का हो तथा किसी भी सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश से संबंधित हो उसका भली-भांति अध्ययन किया जाना शिक्षा बोधक लक्ष्य है|शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्वशिक्षार्थी की रुचियां कुशलताओं उपलब्धियों बौद्धिक योग्यताओं उसकी पारिवारिक स्थिति एवं परिवार के अभिव्यक्त मूल्यों का अध्ययन शोध के महत्वपूर्ण विषय बिंदु हैं|
     शासन द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं का विभिन्न आयु एवं शैक्षिक स्तर के छात्र गण क्यों लाभ नहीं उठा पा रहे हैं यह शोध शिक्षार्थी के का प्रमुख विषय है|


2. शिक्षक- शिक्षार्थी के पश्चात शिक्षण अनुसंधान का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण तत्व शिक्षक है| शिक्षक प्रभावी शिक्षण से संबंधित अनेक रचनाओं का निर्माण करता है तथा अधिगम प्रक्रिया को सरल करता है|शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व
शैक्षिक अनुसंधान हेतु शिक्षक अभिरुचि, अभिवृत्ति, अभियोग्यता परीक्षण से संबंधित अनेक वैज्ञानिक उपकरण उपलब्ध है, लेकिन चिंता का आज भी विषय यह है कि हर स्तर पर शिक्षण संस्थाओं के लिए योग्य अध्यापक अभ्यर्थियों का चुनाव नहीं हो पा रहा है|

3. विषय वस्तु\शिक्षा सामग्री- अनुसंधान की विषय परिधि का एक प्रमुख विचार, विषय वस्तु या शिक्षा सामग्री किसी भी शिक्षा के स्तर पर शिक्षार्थी को प्रदान की जाने वाली विषय वस्तु जिसे एक निश्चित समय अवधि में शिक्षक को पूरा कराना है तथा जिस पर मूल्यांकन कार्य संपन्न किया जाए| जब तक अनुसंधान आधारित तत्वों के आधार पर यह सुनिश्चित नहीं हो जाए कि शिक्षक को कक्षा में क्या पढ़ाना है, तब तक शिक्षण विधि के बारे में विचार करना उचित नहीं होता है|शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व
    शिक्षार्थी की शैक्षिक व्यावसायिक एवं व्यवहारिक आवश्यकताओं के संदर्भ में विशेष सामग्री संबंधित पाठ्य पुस्तकों पर किए जाने वाले अनुसंधान कार्य विषय वस्तु शिक्षण सामग्री की परिधि में आएंगे|

4. शिक्षण विधि- शिक्षण विधि जिसके माध्यम से शिक्षार्थी तक शिक्षक अपने विषय वस्तु को संप्रेषित कर सकता है| शिक्षा एवं प्रभावी शिक्षण के क्षेत्र में शिक्षा प्रौद्योगिकी ने एक नए आयाम को जन्म दिया है, जिसके माध्यम से परंपरागत कक्षा शिक्षण के तौर-तरीकों में अभिनव परिवर्तन हुए हैं तथा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाए जाने हेतु शिक्षक- शिक्षार्थी के अंतर क्रियाकलापों का विधिवत एवं वैज्ञानिक रूप से अध्ययन किया गया है|शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व

5. शिक्षालय-शैक्षिक, सह- शैक्षिक क्रियाकलाप- शिक्षार्थी शिक्षा तथा शिक्षक विधियों की शैक्षिक शोध सम्यक की व्याख्या के पश्चात शिक्षा परिधि क्षेत्र में शिक्षालय अर्थात विद्यालय तथा उससे संबंधित क्रियाकलाप आते हैं, जिन पर अनुसंधान कार्य संपन्न किए बिना शिक्षा का कार्य अधूरा रहेगा किसी भी स्तर पर शिक्षा संस्थान का विशेष महत्व होता है, जहां पर शिक्षा के सिद्धांत क्रियाकलापों को व्यवहारिक स्वरूप दिया जाता है|shaikshik anusandhan ki prakriti, shaikshik mulyankan in hindi, shiksha me shodh ka mahatva, kriyatmak anusandhan ki avashyakta,shaikshik anusandhan ke uddeshy, parikalpana ka anusandhan mein kya bhumika hai, educational research pdf in hindi, shiksha mein shodh ka mahatva, शैक्षिक अनुसंधान, शैक्षिक अनुसंधान क्या है

 शैक्षिक अनुसंधान की आवश्यकता एवं महत्व-
शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान की आवश्यकताएं अत्यधिक है क्योंकि जब शिक्षा का उद्देश्य शिक्षार्थी के व्यक्तित्व का विकास करना है तो फिर उसके विकास से संबंधित अनेक प्रकार की क्रिया प्रतिक्रियाओं के प्रभाव का अध्ययन किया जाना बहुत आवश्यक है यह अनुसंधान शैक्षिक अनुसंधान की व्यवस्थित क्रमिक एवं वैज्ञानिक अध्ययन प्रक्रिया के आधार पर है जिसमें शिक्षार्थी के मानसिक शारीरिक संवेगात्मक एवं सामाजिक विकास से संबंधित विभिन्न क्रियाओं एवं उनमें निहित आपसी संबंधों का अध्ययन किया जाता है|शैक्षिक अनुसंधान- अर्थ, विषय, परिधि एवं महत्व

निष्कर्ष:-
शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान के आवरण में छिपे तथ्यों को निवारण करने का कार्य अनुसंधानकर्ता का ही है, जो परिश्रम, धैर्य, लगन, तपस्या एवं निष्ठा पूर्वक अर्जित ज्ञान से नवीन ज्ञान का सृजन एवं अन्वेषण करता है|
     संक्षेप में कहा जा सकता है कि मौलिक रूप से शिक्षा के प्रत्येक क्षेत्र में सैद्धांतिक वैचारिक एवं व्यावहारिक परिवर्तन लाने के लिए अनुसंधान परम आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है|shaikshik anusandhan ki prakriti, shaikshik mulyankan in hindi, shiksha me shodh ka mahatva, kriyatmak anusandhan ki avashyakta,shaikshik anusandhan ke uddeshy, parikalpana ka anusandhan mein kya bhumika hai, educational research pdf in hindi, shiksha mein shodh ka mahatva, शैक्षिक अनुसंधान, शैक्षिक अनुसंधान क्या है

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