बाल विकास का इतिहास- REET EXAM

बाल विकास का इतिहास  
History of Child Development
बाल विकास का इतिहास- REET EXAM 2020
बाल विकास

            मनोविज्ञान की 37 से भी अधिक शाखाएं है जिनमें से एक प्रमुख शाखा अनुप्रयुक्त मनोविज्ञान या अनुप्रयोगात्मक मनोविज्ञान Applied Phychology है जो व्यवहार में पाई जाने वाली दैनिक घटनाओं का अध्ययन करती है । इसकी उपशाखाओं में किशोर मनोविज्ञान , शिक्षा मनोविज्ञान , खेल मनोविज्ञान व बाल मनोविज्ञान प्रमुख है । बाल मनोविज्ञान जिसे वर्तमान में बाल विकास के नाम से जाना जाता है के प्रारम्भिक अध्ययन दार्शनिक युग से ही शुरु हो गये थे । प्लेटो ने अपनी पुस्तक Republic में कहा कि बाल्यकाल में घटित होने वाली घटनाओं का प्रभाव उसके आने वाले जीवन पर पड़ता है । कमेनियस ने 17 वीं शताब्दी में स्कूल ऑफ इनफेन्सी ( बच्चों का स्कूल ) की स्थापना की ।बाल विकास का इतिहास 

- पेस्टोलॉजी ने बाल विकास का प्रथम वैज्ञानिक विवरण प्रस्तुत किया ।
- टाइडमैन ने असामान्य बालकों के लिए 18 वीं शताब्दी में व्यक्ति इतिहास विधि का प्रतिपादन किया ।
- प्रेयर ने 18 वीं शताब्दी में स्वयं के बच्चों की जोवनी तैयार की ।
- इंग्लैण्ड में 1892 में जेम्स सल्ली द्वारा British Association for Child Study की स्थापना की गई ।
- जॉन हॉल द्वारा यू.एस.ए. में प्रथम बाल अध्ययन आन्दोलन चलाया गयवा ।बाल विकास का इतिहास 

- 1930 में जीन प्याजे द्वारा Moral Judgement पुस्तक लिखी गई और बालकों के संज्ञानात्मक विकास व नैतिक विकास सम्बन्धी अध्ययन किए गए ।

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            बाल मनोविज्ञान , मनोविज्ञान को वह शाखा है जो एक गर्भस्थ शिशु से परिपक्क शिशु तक का अध्ययन करती है ।

क्रो एण्ड क्रो के अनुसार - बाल विकास गर्भावस्था से किशोरावस्था तक का अध्ययन है ।
जेम्स ड्रेवर - वह विज्ञान जो एक बालक के जन्म से परिपक्वता तक का अध्ययन है ।
लेडी हरलॉक -  बाल मनोविज्ञान बाल के व्यवहार , रुचियों , लक्ष्यों व परिवर्तन की उन आवश्यकताओं का अध्ययन करता है जो जीवन को एक अवस्था से दूसरी अवस्था में पाए है
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बाल विकास का इतिहास

            मनोविज्ञान का इतिहास - मनोविज्ञान जिसे अंग्रेजी में साइकोलॉजी कहा जाता है । ग्रीक ( युनानी ) भाषा के 2 शब्दों ( साइके । लोगस ) से बना है । Phyche + logos जिसका अर्थ है । क्रमशः आत्मा व विज्ञान अर्थात आत्मा का अध्ययन करने वाला शास्त्र या विज्ञान । वास्तव में मनोविज्ञान विषय का प्रारम्भ सुकरात , प्लेटो , अरस्तु के दर्शन से हुआ जिसे मानसिक दर्शन कहा जाता है इसकी शुरुआत 500 ई ० पृ ० से मानी जाती है । अरस्तु को मनोविज्ञान का प्रारम्भिक संस्थापक और प्राचीन मनोविज्ञान का जनक कहा जाता है । प्लेटो ने पहला देतवादी सिद्धांत दिया और सुकरात ने प्रश्नोत्तर विधि व संशयवाद का सिद्धांत दिया ।
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1. आत्मा का विज्ञान - इन प्राचीन दार्शनिकों से प्रभावित होकर 16 वीं शताब्दी ये ( रेनेदेकार्ट ) ने सर्वप्रथम मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान कहा इन्होंने प्लेटों के द्वैतबादी के आधार पर मनोदैहिक अन्त : क्रिया वाद का सिद्धांत दिया देकार्ट के 2 शिष्यों लाइबिनिज व स्पाइनोजा ने आत्मा के विज्ञान का समर्थन किया । वस्तुत : Phychology शब्द से प्रथम परिचय इंग्लेण्ड के ( रूडोल्फ गोयेकल ) ने करवाया था । धीरे - धीरे आत्मा के विज्ञान की वैज्ञानिकता पर प्रश्न उठने लगे और 17 वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का एक नया रूप प्रस्तुत हुआ ।
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2 मस्तिष्क का विज्ञान-  इटली के पोम्पोनाजी ने यह विचारधारा प्रारम्भ की और यूएसए के थामसरी इंग्लैण्ड के जॉनलॉक व बर्कले ने इनका समर्थन किया पोम्पोनाजी के अनुसार मस्तिष्क एक समग्न इकाई है जिसका अंशों में अध्ययन नहीं किया जा सकता इस वक्तव्य का विरोध हुआ और पोम्पोनाजी विचारों के द्वन्द्व और स्मृति विस्मृति की व्याख्या नहीं कर पाए ।
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3 चेतना का विज्ञान - 1879 में जर्मनी के बिलियम बुण्ट ने विश्व की पहली मनोविश्रूषण प्रयोगशाला जर्मनी के लिपजिंग नगर में खोली और साथ ही सिगमण्ड फ्राबड ( ऑस्ट्रिया ) के मनोविशेषणचादी सिद्धांत की व्याख्या की । फ्राइड ने मस्तिष्क के 3 रूपों चेतन , अचेतन , अर्द्धचेतन को व्याख्या की और उसे आइसबर्ग थ्योरो नाम दिया गया । लेकिन चेतनाबादियों ने केवल चेतन को ही महत्त्वपूर्ण माना । एक अन्य चेतनाबादी विलियम जेम्स थे । जिन्हें अमेरिका में मनोविज्ञान का जनक कहा जाता था । इन्होंने Principals of Phychology पुस्तक 1890 में लिखी 2 अन्य प्रसिद्ध चेतनावादियों में टिचनर व चेपिन प्रमुख थे । इन सबने चेतना के महत्त्व को स्वीकारा जबकि प्रसिद्ध विद्वान मोण्टगोमरी के अनुसार चेतना तो 1/10 भाग है ।
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व्यवहार का विज्ञान –
            अमेरिका निवासी प्रसिद्ध विद्वान जे.बी. वाटसन ने 1912 में रूसी मनोवैज्ञानिक आई.पी. पावलो के शास्त्रीय अनुबंध में प्रेरित होकर व्यवहारवाद की नींव रखी और इसकी निम्न विशेषताएं बताई ।
1. व्यवहारवाद प्रत्यक्ष व्यवहार का अध्ययन है ।
2. यह आत्मा मन और चेतना को स्वीकार नहीं करता ।
3. यह अनुबंधन पर बल देता है ।
4. इनके अनुसार पशु और मनुष्य में बहुत सारी समानताएं है ।
5. यह वंशानुक्रम की बजाए वातावरण को महत्त्वपूर्ण मानता है ।
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जे.बी. वाटसन - मनोविज्ञान व्यवहार का शुद्ध व निश्चित विज्ञान है ।
जेम्स ड्रेवर - मनोविज्ञान व्यवहार का वह शुद्ध विज्ञान है जो मनुष्य व पशु दोनों का अध्ययन करता है ।
मेक्डूगल - मनोविज्ञान जीवित प्राणियों के व्यवहार का विधायक के विज्ञान है ।
पिल्सबरी - मनोविज्ञान मानव प्रकृति का विज्ञान है ।
वुडवर्थ - मनोविज्ञान ने सबसे पहले अपनी आत्मा को ही फिर मन का तयाग किया फिर चेतना खोया और आज वह व्यवहार का विज्ञान है ।

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बाल विकास का अर्थ एवं अध्ययन- Child Development (REET 2020)


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