सर्वे
सर्वे करना अनुसंधान प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। इस प्रक्रिया के माध्यम से विद्यार्थी-शिक्षक शिक्षा से जुड़े किसी घटक या शैक्षिक समस्या का सर्वे कर उसका विश्लेषणात्मक प्रस्तुतीकरण दे सकते हैं तथा अपने उपयोगी व महत्त्वपूर्ण सुझावों को सूचीबद्ध कर सकते हैं। इस प्रकार के सर्वे में उपयुक्त उपकरण का चुनाव निष्पक्षता व वस्तुनिष्ठता से सर्वे को अधिकाधिक वैध व सार्थक बनाया जा सकता है। यह सर्वे विद्यालय के आस पड़ोस के परिवारों, संचालित संस्थाओं (यथा चौपाल, अस्पताल, कॉलेज, विद्यालय, पंचायत, प्रशासनिक शिक्षा संस्थान) के विभिन्न परिप्रेक्ष्यों व आयामों को समझने में मदद करेगा तथा सर्वे कर्ता उन तथ्यों का शैक्षिक निहितार्थ भी जान सकेगा । सुविधा की दृष्टि से निम्न प्रकार प्रारूप तैयार कर सर्वो कार्य किया जा सकता है-सर्वे प्रोजेक्ट केस स्टडी |
3.समस्या निराकरण में सहयोग
(क) संस्था प्रधान का,(ख) संस्था के अध्ययन वर्ग का,(ग) पंचायत का,(घ) ग्राम के प्रबुद्ध शिक्षित वर्ग का,(ङ) उच्चाधिकरियों का,(च) छात्रों का
4.निष्कर्ष
सर्वे इंटर्नशिप डायरी पीडीऍफ़
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प्रोजेक्ट
शिक्षा जगत् से जुड़े हुए विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट किसी विद्यार्थी शिक्षक का किसी एक विषय-वस्तु के संदर्भ में एक व्यापक व ज्ञान परक दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं। किसी प्रोजेक्ट से सम्बन्धित प्राथमिक व द्वितीयक दत्त, तथ्य तथा विषय-वस्तु एकत्रीकरण की प्रक्रिया जितनी व्यापक, व्यवस्थित व प्रासंगिक होगी, प्रोजेक्ट उतना ही रोचक, ज्ञानवर्धक व अनुभवजन्य रहेगा। प्रोजेक्ट पाठ्यक्रम की महत्त्वपूर्ण विषय-वस्तुओं,सह-शैक्षणिक गतिविधियों या शैक्षणिक समस्याओं से सम्बद्ध हो सकता है। प्रोजेक्ट को तथ्यपरक,अनुसंधानात्मक व रोचक बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।केस स्टडी
- स्वयं विद्यार्थी के विचार
- विद्यार्थी के मित्रों से वार्ता
- विद्यार्थी के माता-पिता से वार्ता
- छात्र की अभिरूचि
- छात्र की भावी कल्पना (वह क्या बनना पंसद करता है।)
- छात्र के भविष्य के लिए क्या-क्या तैयारी की गई है।
- प्राप्त उत्तरों से निष्कर्ष (शिक्षक रुचि, समस्या, संतुष्टि, विद्यार्थी की कामना, भविष्य आदि के बारे में अनुमान)
- सुझाव
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उपस्थिति क्रमांक
बाहुबली शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय
गाँव-बड़वाई, तह. डूंगला, जिला-चित्तौड़गढ़ (राज.)
ANSANNEHAM
JBALI SHIKSHAM
बाहुबली शिक्षणासरया
राजस्थान सरकार एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त
सर्व/प्रोजेक्ट/केस स्टडी बी.एस.टी.सी. (डी.एल.एड.),
प्रथम वर्ष/द्वितीय वर्ष
सत्र - 2018. - 209.. छानाध्यापकछानाध्यापिका का नाम मीनाक्षी मीणा पिता का नाम आनन्दीलाल मीणा शैदिक्क योग्यता
-
वर्ग
अनुक्रमांक
शिक्षण विद्यालय का नाम रा. उ. मा.वि. बारी
शिक्षण विणालय का नाम"
--
--
LL.
1
4
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प्रमाण-पत्र
...
प्रमाणित किया जाता है कि श्री/कु./श्रीमति
AM
ने बी.एस.टी.सी.
प्रथम/द्वितीय वर्ष सत्र 2018-19__में इन्टर्नशीप
कार्य मेरे निर्देशन में पूर्ण किया है।
प्रधानप्रभारी अध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिहतिक्षालय बारी पं.स. व जिला प्रतापगढ़ (राज.)
क्र.सं.
संकेतिका प्रकरण का शीर्षक एवं उपशीर्षक पृष्ठ संख्या । विधालय से सम्बन्ध घटक
समस्या का वर्तमान स्वरूप समस्या का वर्तमान स्वरूप वर्तमान स्वरूप के मूल कारण केस स्टडी काउद्देश्य, समस्या का विवरण 8-9 समस्या की प्रकृति
10-12 समस्या के समाधान कीसूचना । । उ-।
हस्तक्षेप हस्तक्षेप करने
15-16 का असर
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* वर्ष 2018-19 * महाविद्यालय का नाम बाहुबली शिक्षक प्रशिक्षण मध्यविद्यालय
का सामना गाँव बडवाई-तह-एंगला जिलाचित्तौगढ़ नाममीनी पिता का नाम आनन्दी लाल मीण कक्षा → बी एस टी. सी. (प्रथम वर्ष) डी.एल.एड.) पतान गाँव हथनीकुष्ठी पोष्ट अगागोरा, तह प्रतापगढ़
जिला प्रतापगढ़ (राज)
.
रा.उ.मा.वि.बारी
शिक्षण बिद्यालय का नाम
अनुक्रमांक
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विद्यालय का सर्वे किया का नाममा
सर्वेमा करना किसी अवधारणा... को बनाने और समम विकसित करने में अहम भूमिका निभाता . हे सर्वे के अन्तर्गत विद्यालय में होने वाली विभिन्न गतितिधिया भी शामिल की जाती है सर्वे करना अनुसंधान प्रक्रिया का
महत्त्वपूर्ण कार्यालयमा B] विद्यालय से सम्बहाघरका समस्या का वर्तमान
- स्वरूप
राजकीय उच्च मायामिक विद्यालय बारा से कक्षा से तक विद्याल है इस विद्यालय की स्थापना वर्ष में की गई थी. इस विद्यालय का भवन रंगों से पूजा का
हे विशारामा केन्यारो ओर चाहरदीवारी त्याला विद्यालय मेह करीब एक सो अढासी विद्यार्थी पढते है इस विद्यालय का मेदान पधरीला हे इस विद्यालय में विद्यार्थियों के पटने के लिए चार कमरे- इनमें कक्षा एक से लगाकर कहा। छानक के विद्यापी पटते हैं। इस विद्यालय में चार सहायक अध्यापक तथा एक प्रधानाध्यापक है बसविशालय में एक रसोई घर के जहाँ पर विद्यापियों के कीए भोजन बनाया जाता है रसोईघर में तीन रसोइए है। ये सभी मिलकर के भोजन बनाते है विद्यालय का मैदान साफ सुघरा हा विद्यालय के मैदान से प्रतिदिन सभी विद्यापी खेल खेलते इस विद्यालय में चार कमरे होने से प्रत्येक कमरे में दो-को कक्षाएं बिहाई जाती है कमरों का आकार बना है जिसमें दोनों कहाशों के विद्यापी
आसानी से बैठ सकते है।
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इस विद्यालय में एक प्रधानाध्या कहा है इस विद्यालय
का प्रधानाचार्य रामलाल मीणा है उनके साथ विद्यालय में चार छान्य अध्यापक है विद्यालय के सारे कमरे रोशनी व हवादार से युक्त है विद्यालय के चारों
और हरे भरे पेड-पौधे है विद्यालय में बिजली का कनेक्शन होने के कारण बच्चों को काफी समस्यामा
का सामना करना पड़ता है उन्हें बिलकुल सम्भल कर रहना पड़ता है विद्यालय भवन के आगे की तरफ एक
बश दरवाजा लगाया हुआ है जिससे कोई भी जानवर विद्यालय में प्रवेश नहीं कर पाएँ व गन्दा करने से छुटकारा मिल सकेबस विद्यालय में एक स्राफ रूम जहाँ सभी अध्यापक बैठते है किसी भी बात को लेकर चचा करते है। इस विद्यालय में विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे लगाए हुए हैं जिनसे प्रतिदिन फल लोडे जाते ही विद्यालय मे भावनिा करने से पूर्व सरस्वती की प्रजा
अर्चना करने के लिए उन फूलों का उपयोग किया जाता इस विद्यालय के मैदान में एक है जहाँ सभी
बच्चे पानी पीते हा विद्यार्थियों के चेयजला के लिए विद्यालय में हैंडपम्प है इसके पास में एक की
बनी हुई है तथा दरवाजे के बाहर की तरफ भी हैंडपम्प की व्यवस्था की गही बच्चे पानी पीने के लिए वहाव घाने के लिए इन दोनों प्रणालियों
का उपनाग करत
र
पानी पीने के लिए बंकी के बाहर नब लगाए हुए है जिससे प्लोटे बच्चे आसानी से नल चलाठर वे पाकी पी सकते व अपने हाप धो सकते है
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हेण्डपम्प में गन्धा पानी निकालने के लिए एक नाली
बना रखी है जिसमें आसानी से पानी बाहर की तरफ चला जाता है तथा वहाँ कोचा भी नही होता है, तया बदश्य भी नहीं आती हा हेडपम्प पूरका की, समय-समय पर निकासी की जाती होतंकी व में कोई जल बुर खाता को पुनः नपा नल लगाया जाता बन दोनों प्रणालियों से बच्चों को स्वावक जल उपलब्ध हो जाता है जिससे वे बिमार भी नही हो सके उनपने धयों की भी सही तरीके से सफाई की जा सके।
इस विद्यालय में अधिकतर अनसूचित जनजातियों के विद्यापीं पढते ही ज्यादातर बच्चों के माता-पिता मजदूरा
कृष्फ हासमी विद्यार्थियों के माता-पिता बेरोषगार व आर्थिक रूप से अहाम् हे बसलिए अपने बच्चों को सरकारी विद्यालम में मेजते है। उनके पास आय का कोई सान नही होते है। इस विद्यालय में प्रत्येक कमरे में दो-दो'लेक बोर्ड
है। जहाँ पर सणी विद्यापियों के लिए लियने का कार्य किया जाता।
बस विद्यालयमे कुल आरु यामपटराइस विद्यालय में पीवारों पर विभिन्न लेय कवियों, के चित्र बनाएं हुए है।
प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग लेखकों की तस्वीरे हागाई हुई है जिससे बच्चे उनके बारे में जान प्राप्त कर सके। उनकी जीवनी को रामश्राले उनके कारा किए गए कामो को जान सके ।
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उनके मारा किए गए कार्यों से छापने जीवन में आगे
बढने के लिए तत्पर हो सके उनके महत्व को पहचान सके उनके द्वारा किए गए कर्तव्यों का पालन कर सका
* विद्यालय की प्रत्येक कक्षा-कमा में अलग-अलग वाक्य लिखे जाते जिनको विद्यापी प्रतिदिन पर सळे व
पनेरजापन मेमन्छा कार्य करने के लिए अग्रचित
हो सके आगे बढ़ने का हौसला रख सके । * इस विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में होन्पो र यिमियों
लंगाईसी प्रकार चारो कारो मे करीष आ6. खिडकिमाँ
- विद्यालय में शिऽझियौं होने से कक्षा में हवा'
आ सके विद्यार्थियों को का वातावरण मिल सके बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी विद्यालय में वो बरामद हो जहाँ पर सभी बच्चे
प्रार्थना करते हा खाना स्वाते ही बरामका काफी साफ सुथरा बराम' मे मी काफी चित्र बनाएर विशालय के बरामदे में नक्शे बनाएं हुए जिनसे - सभी विद्यार्थी राजस्थान के जिलो, राज्य, पेश, नदियाँ झील, आदि के बारे जानकारी हासिल करते वेन नक्शो को आनी कोपी में भी बनाकर सीमोन
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-
इस विद्यालय में सभी कमरे व्यवस्थित कमरों की प्रतिदिन सफाई की जाती है। विद्यालय में पंखो की व्यवस्था प्रत्येक कमरे में एक-एक पं2
गर्मी के मौसम में सभी विद्यार्थियों के लिए पंच्या बहुत
ही जरूरी है
=
= = =-
-----------
इस विद्यालय केदरन्दर-काफीमकान बनाएं कर पास में भी बहुत सारे मकान ही..... मन मा
इस विद्यालय के बाहर की तरफ रसोईये का मकान विद्यालय के पास सडक बनी हुई है इस विद्यालय में अध्ययन करने के लिए बच्चे काफी दूर-दूर तक चवकर विद्यालय में आते है
इस विद्यालम में फर्नीचर की व्यवस्था संतोष जनक शिक्षकों के बैठने के लिए मेजव कुर्सी की उचित व्यवस्था, है विभिन्न प्रकार के अभिलेखों को रखने के लिए-चार
अलमारिया हो
।
विद्यालय की रंगाई-पुताई नियमित रूप से करामाती
हे प्रत्येक कक्षा में नियमित रूप से शिक्षण कार्य फरवाया जाता है
विद्यालय में साफा व स्वच्छ शौचालयों की व्यवस्था
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शिक्षाको व बच्चों के लिए यह अवस्था विद्यालय द्वारा * स विद्यालय में छात्रों के लिए यो शौचालय बने हुए तथा
छात्राओं के लिए भी दो शौचालय की व्यवस्था * शौचालामर एकदम साफ सुपर वहाँ पर विद्यार्थियों
नारा' ही सफार की जाती है * विशालम में फुरतकालम की सुविधा के विद्यालय में छात्र
यात्राओं के पाप रूम से सम्मानित पुस्तके पान की जाती है तथा अन्य कहानी कविता ,दोहे, प्रेरक प्रसंग आदि की पुस्तके बज्यों को प्रदान की जाती हा विद्यालय के मैपान में विद्यार्थियों के खेलने के लिए
सरकारद्वारा झुले लगाए हुए है वहाँ पर सभी विद्यार्थी दोपहर में लेते मनोरंजन करते है
मस्या का वर्तमान स्वरूप ॥ विद्यालय में विद्यार्थियों के बढने के लिए दरी की व्यवस्था नहीं है भी तो बहुत ही कम है आधे विद्या तो परी पर बैठ जाते है । आधे विद्यार्थी रह जाते
उन्हे फर्श पर ही बना पाता ग र विद्यालय में पेड-पौधे काफी कम है पोद्यों की संख्या
बढानी चाहिए
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विद्यालय में दीवारों की पुताई काफी पुरानी हो गई है
उन पर रंगाई-फताव करवायी जानी चाहिए।
विद्यालय में बच्चों के लिए उपलब्ध संसाधन होने चाहिए
जैसे खेलने का आधा सामान नही उनको पूरा करना चाहिए विद्यालय में खेलने का पूरा सामान घेनेसे समी बज्वे आसानी से अलग छालग खेल खेल सके ।
विद्यालय में कम्प्यूटर की व्यवस्था नहीं है विद्यालय की चार दीवारी को पूर्ण रूप से नहीं बनाया
गमा के पीछे की तरफ खुला छोऽरया उसेप्श कराया जाए
विद्यालय में बच्चे अनुशासन में नही आते हैं विद्यालय
की यूनिफोर्म पान के नही आते है। बच्चों की तरफ ध्यान दिया जाना बहुत जररी विद्यालय के फलाकक्षों की सफाई के लिए अलग ने किसी सफाई कर्मी की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे कक्षा का वातावरण हो सकें बच्चे भी अपना ध्यान पढाई की और अश्यचित करेंग
विद्यालय में भोजन की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना चाहिए भोजन को साफ सुपारा व स्वम्छ बनाना चाहिएमा विद्यालय में सभी बच्चो के हाप धोने के लिए साबुन की मवस्या नही की गई सान से पशुलाने बहुत ही जरूरी है जिससे बच्चे रोगाफ से शुतोराऊ
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वमिान स्वरूप के मूल कारण । * विद्यालय में अच्छे व कुलपी शिकाऊ निपुर र विद्यालम में बच्चों में संश्या विद्यालय स्तर के
असार सही होता
सा
* विद्यालय में मिला मिल व्यवस्था उपलब्ध है बस
विद्यालम में हार- छात्रामों के लिए शौचालय उपलब्ध
विद्यालय के चारों मोर चाहरदीवारी ही विघालम'कोचाहरदीवारी के अवर किीज्न प्रकार
के पेडपाडोलगे एग विद्यालय में पे-पायो की वापरू से बचों को शस हवा मिलतीहाविद्यालय में प्रातदिन-साफ-सफाई
को जातीय चिघालय में पेमाजलकी मकस्पा के कारण
समी बच्चस्पस्म रहते अगर कोई बच्चा बीमार हो जाता तो उन्हे लेबलेर दी जाती विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए दरियाव
चाई कीमपरमगा मात का पता
मसालय में बच्चों की संख्या नामगि मनुसार चिके विषालम में बिजली की मावस्या उपषित विद्यालय
में खेलने के लिए उपकरण उपलब्ध हो
केसरीion.com कैस स्टडी का उद्देश्य
जैसा कि हम जानते है कि केस स्टडी का आध्यान का उद्देश् मह होता है कि हम किसी बज्चे को पटने में जो समस्मा आ रही है उसका समाधान कर सके तालिबच्या मागेाकर अपनी पढाई अच्छी तरह से कर सके।
बाच्चे मन के कोमल होते छोटी-छोरी बात उन्हें परेशान करती रहती है यदि उन समस्याओं का समाधान ही
समम पर कर का दिया जाता तो बच्चे जागेचाकर राष्ट्र के निर्माण में अपना जम्मा योगदान 4 सकग । म का पटवायानगरलामो " केस स्टडी के लिए गुजा उसी पर में यह
a
का फाल बनाने जा रही है।
SHKARTERARE...
कक्षा चार के सभी विद्यार्थियों में से शंकर ही
ऐसा लड़का जो अपना महकार्यब कक्षा कार्य समय पर नही करता।
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धान के बारे में विवरण छात्र का नाम
शंकर लाल मीणा -पिता का नाम शिवलाल, माता का नाम सुरजा बाई
2018
अध्ययन की कथा I पत्ता गाँव बारी तक प्रतापगट जिला प्रजापगट (राज) पताका शाडकि आय 30.0.00 मित्ता का व्यवसायमा कृषि कार
माता का व्यवसाय गहणीमाना परिवार के कूल सदस्यों की संख्या-5 भाई- बडिनें, अध्ययन केन्द्रका नामश्रा० उ० प्रानक बारी बुद्धिस्तर सामान्य बालको की तरह सामान्य छात्र के स्वास्थ्य की स्थिानअन्धी हवामान लम्बाई-उफर ६
च
कार. १५! 36. वाई छात्र का स्वानासन छात्रकाअनुशासन अच्छा है
समस्या का ीवर
शंकर ऐसा बच्चा है जिसमें काम करने की शामता जो है लेकिन वह अपना कार्य स्वंय नहीं करता है किन्न शंकर एक अनुशासित क्या है मेने सरमा व्याकि
विद्यालय के सभी अध्यापको प्रधानाध्यापक व अन्य सदस्यों का दिन प्रतिदिन आर कस्ता कसभा अध्यापकी आज्ञा का पालना पीका है मैने व्यरूमी देखा कि वह इसरो पर आश्रित रहता
है और उसमें एकाग्रता की कमी है वह इस कमी को बढ़ाता जा रघवह कक्षा मेसदेष उपस्थित रहता है कि पटाई पतिसकी सचिबहुत ही कम उसका बयानामन्य सहपाहियों से वार्तालाप करने में ज्यादा रहता उसले निरन दूसरे मध्यापक भी बिमाका शिकायत करते रहते कालोजपा अध्यापक पा र घेता सो उसकापमान इधर-उधर कक्षा के बहार ज्यादा रहता है। वहाबच्चों सेझगा करने में भी पीछे नही रहता है। पढाईको वह
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भी जरूरी नही समतता है। समस्मा' की प्रकृति - AD संवेगात्मक समायोजन
म्या पाला उपस्थित बालको,व्यकियों से बात करने में शिक्षकता है हाँ 'भाबान प्राय: गुभम रहता है कभी-कभी
नया बालक मवहार मिलनसार नहीं
सामाजिक समायोजन
क्या बालफ दूसरों से मित्रता करता नहीं ल्या बालक सामाजिक कार्यो में रुचि लेता है -नही म्या बालक नाव अक्रामक पर हावी रहतानही क्या बालक खने के मपान में सामाजिक र पसेउत्तरदायीरस्ता नहीं बालक के यक्तित्व के गुण
आत्मविश्वास कमानोर सामाजिकता असमान्म नेत्रत्व
कमजोर जिज्ञासामान्यून व्यक्ति का लगन न अन्तभुमी अनुशासनाच्या
का स्वभाव
विद्यापी का स्वभाव निलि तथा उदान* सभी के साथ समागोजी
- शिक्षो के साप समजा सम्बन्ध
सामान्य योग्यताएं
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शिक्षक से अच्छा व्यवहार करता है कोई विशिष्ट उपलायन ध्यान पछि सुनने की क्षमता अध्ययन करने में क्षमता
का अनुसंधय बालक के रुचि और अरूचिकर विषय सचिकर विषम
इसे खोलना पसन्द
इसे चित्रकारी करना
इसे दोस्तो के साथ घूमना बहुत पसन्द है
अचिकर विषय
इसे गणित विषय के सवालों को हल करने में करनी -
इसे मोधिक व लिमित उत्तर देने में कठिनाई होती है। यह कशा में अपने माप को असाध्य मासूम करता
का भविष्य की योजनाएं
बालक अविष्य मे अपनी कला से परकर एक सफल व्यक्ति बनना चाहता है। बालक द्वारा बताया गया कि अपने माता-पिता के नचाहने के बावजूफ व अपनी छप्लासे पढकर एक मम्प्या नागरिक
व सफल व्यक्ति बनना चाहता
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कि बालक के शोक
बालक को चित्रकला करना बहुत पसेप है। बालक को धमना फिरना पसंपले बालक को साशकिल चलाने का भी बहुत शोका बालक का चरित्र और व्यक्तित्व
चरित्र
बालक का चरित्र अधा व शिक्षाको ये बड़ा सम्मान देता
सभी के साप उसके अच्ने सम्बन्ध
माग्नेल
उसके ज्यामीत्व के समय-समय पर परिवर्तन आता रहता इस कारण ठसमा मात्र मी -कभी अक्लामा श्रीहोजाग
तभा वह शोध करने लग जाता ह ...
13 सर्जनशीलता
"इसमेह बाबा महाँ पर बालक में सर्जनशीलताठी
अधिकतापाई गई वह जहाँ भी जाता कान कुछ जरूर सीम करा
उसे नमानसा काम करना पसंद समस्या के साधन की अन्म सूचनाएं,
यह बालक सामने वाले व्यमित के सामने अपनी अन्य बात नही रख पाता अब जब समय निकल जाता है नब वह पटवाने की बात कसा गया
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बच्चे में समस्या के कारण ?
बच्च) में समस्या के निम्न मारण हो सकते है। * बच्चे की कास के प्रति लापरवाही है जिसके कारण उसे.
घर व स्फूल में महत्व न दिया जाता है। *वह किसी से मपनी बात जल्दी नहीं कह पाता
बदल की आवना छो मन मे रखना
बच्चे का ज्यादा उत्तजित होजा व त्या का होना माता-पिता द्वारा सुझाव तथा उपचार
प शंकर की अम्ली माँ बोलती है कि बात् उना करो न उि बात सुनकरऽराउरो * अपना काम आराम से किया करो
विद्यालय से आने बाद तुरन्त काम किया करो * काम समय पर
रोक शिक्षकों पर समस्या की धाप
शिक्षाकों को भी समस्या होती है कि शंकर का सलाम हमेशा अधूरा रहता हे इस जारण- शंकर कै. कहा के परिक्षा मे अच्छे नम्बर नहीं आ पाते..
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जय
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उपचार के लिए सुझाव
विद्यालय सेघर
पहुंचने के तुरन्त बाद वह काम करो आपका आसानी से पूराहा जाम ... ...........
कार्य
पढना शुरू कर दो ताछि परिक्षा में अच्छे नम्बर
18.
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समस्या का निदान समस्या के समाधान के उपाय निम्नलिनित ही * छोरी - छोरी बातो पर ज्यादा सोचना उचित नहीं है।
इसलिए ज्यादा मत सोचो ज्यादा से ज्यादा बात करने की शादत डालिए
"याली समम पर दोस्तों के साथ प्येतो जैसे - अन्याहारी जितना हो सके युश रहने की गेशिश ठिमा करो
बेकार नबेहो घर में ऊष्ठा कामों में व्या रत्ना शीयो सभी कार्यों को करने से धीरे-धीरे समस्या का समाधान हो जाएगा। असमय का सही उपयोग करें समय पर कार्य करने के लिए समय सारणि बनाकर उसके अनुसार
उपचारात्मक सुझावों उत्तरणीभ कालिम की समयाव्य
रूप रेखा यह समस्या बढी नही हैं। इस समस्या का उपचार आसानी
से हो जाता * अब घर पर समय सारिणी बनामो और उसके
अळसार काम करो प्रातः 6 बजे से उठना मो उहना में
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* कूल भी कार्य करो उसके लिए पहले समय साराण बनाओ। याद शाभ नहीं कर पा रहे जो माता - पिता व शिक्षकों मी सषमता
लोक असे बैदे ज्यादा मत सोचा करो न देये, कहानियों -
का पुस्तकों को पढा करो। जितना हो सके खुश रहने की कोशिश करो
कभी कभी परिवार के सदस्यों के साथ घूमने
बाहर जामा करो
स्तक्षेप
मैने शंकर लाल की समस्या जानी में उसकी समस्या को हल करना चाहती थी मैने उसले लिए जीन विषय चुने जैसे सहकार्य, शैक्षाणक कार्य
और सामाणिक को काला
जाताना या में शंकर को पाँच प्रश्न उत्तर रोज करने को देती थी धीरे-धीरे वह मफ्ना यह कार्य उरने लगा उसके रोमाणिक काम को बढावा देने के लिए मैंने उसके। रूचिपूर्ण कार्य को और मानक भय बनाया जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा और वह अपना छोहानिक कार्य रवि पुर्ण लंग करने लगा सामाजिक कोकाल को बढावा देने के लिए मेने उसके गुस्से को निमंत्रण करने के लिए तक जिन्ना और दोस्तों से मिलकर रहने
के लिए काम किया।
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हस्तहोप करने का असर
शंकर की सफलता के समाधान के लिए मैने सातार उसके साग बितामा पर धीरे-धीरे सपना कार्यसचिपक करने लगा
वह अपना काममीसही समय पर करने लगा मक वह अपना काम करते हुए कोधित भी नई छता
है पह अब सदैव अपना कार्य पूरा करने में रागा रहता है
धन्यवाद
फारस को तैयार करने 387 Case Study के बाद बच्चे के माता-पिता को छन्यवाद देना चाहती हूँ और उसी के साप विद्यालय के सभी
अध्यापकों को भी धन्यवाफ ना साम्चाहती कि उनके सहयोग से मेरा महा कार्य सम्पन्न
प्रधानाध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय यारी
प.स.वजिला प्रतापगढ़ (राज.)
Cronom