बुद्धि ( INTELLIGENCE )
इस ब्लॉग में जानिए बुद्धि (Intelligence) क्या होती है, इसके प्रमुख प्रकार, विभिन्न बुद्धि सिद्धांत और बुद्धि मापन के तरीके।
बुद्धि के प्रकार, बुद्धि के सिद्धांत, बुद्धि मापन, intelligence in Hindi, multiple intelligence, IQ test, emotional intelligence, बुद्धि क्या है, बुद्धि के सिद्धांत हिंदी में * बुद्धि व्यक्ति की एक जन्मजात शक्ति एवं मानसिक योग्यता है जो व्यक्ति को समायोजन , समस्या समाधान , तर्क - वितर्क , चिन्तन - मनन की क्षमता प्रदान करती है ।
* सर फ्रांसिस गाल्टन ने सन 1885 ई . में सर्वप्रथम बुद्धि शब्द का प्रयोग किया ।
* अमेरिकी मनोवैज्ञानिक जेम्स मैककेन कैटेल ने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में सन् 1890 ई . में ' MENTAL TEST AND MEASURMENT " नामक पुस्तक प्रकाशित की ।
* प्राचीन काल में बुद्धि को रटने का परिचायक माना जाता था । लेकिन आधुनिक मनोवैज्ञानिक इस कथन से सहमत नहीं है ।
* मनोवैज्ञानिक बैलाई " एक मनोवैज्ञानिक बुद्धि को मापने का प्रयास करता है और एक अध्यापक बुद्धि को विकसित करने का प्रयास करता है , लेकिन मालूम किसी को नहीं है कि बुद्धि क्या है । "
* बैलार्ड की इस चुनौती को स्वीकार करते हुए फ्रीमैन कहता है कि " बुद्धि एक जन्मजात योग्यता है " ।
बुद्धि की परिभाषा के तीन वर्ग -
1 , समायोजन की योग्यता - विलियम जेम्स , विलियम मैक्डूगल , वुडवर्थ , बिने , रॉस , बर्ट , स्टर्न आदि ।
2 , सीखने की योग्यता - बकिंघम , डीयरबान , कालविन , थार्नडाइक आदि ।
3. अमूर्त चिन्तन की योग्यता - स्पीयरमैन , टरमन , बर्ट , अल्फ्रेड बिने , फ्रीमैन ।
परिभाषाएँ
* वुडवर्थ - " बुद्धि , कार्य करने की एक विधि है । "
* टरमन - " बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्यता है । "
* वुडरो- " बुद्धि ज्ञान का अर्जन करने की क्षमता है । "
* डीयरबान - " बुद्धि सीखने या अनुभव से लाभ उठाने की क्षमता है । "
*अल्फेड बिने - " बुद्धि इन चार शब्दों में निहित है- ज्ञान , आविष्कार , निर्देश और आलोचना । "
* स्टर्न बर्ग - " बुद्धि आलोचनात्मक ढंग से सोचने की प्रक्रिया है । "
*थर्स्टन - " बुद्धि विभिन्न वस्तु व विचारों के मध्य जटिल सम्बन्धों को समझने की योग्यता है । "
*थार्नडाइक - " सत्य या तथ्य के दृष्टिकोण से उत्तम प्रतिक्रियाओं की शक्ति ही बुद्धि है । "
*कालविन - " बुद्धि वातावरण से सामंजस्य स्थापित करने की योग्यता है । "
*कॉल्सनिक - " बुद्धि विभिन्न योग्यताओं का योग है । "
* हेनमान - " बुद्धि के दो तत्व होते हैं - ज्ञान की क्षमता व निहित ज्ञान । "
* बकिंघम - " बुद्धि सीखने की योग्यता हैं । "
* रायबर्न - " बुद्धि वह शक्ति हैं , जो हमको समस्याओं का समाधान करने और उद्देश्यों को प्राप्त करने की क्षमता देती है । "
* मन - " नवीन परिस्थितियों को झेलने की मस्तिष्क की नवनीयता बुद्धि है । "
* फ्रीमैन - " बुद्धि समायोजन , अधिगम और अमूर्त चिन्तन की योग्यता है । "
* बर्ट - " बुद्धि अच्छी तरह निर्णय करने , समझने एंव तर्क करने की योग्यता है । "
*स्पीयरमैन - " बुद्धि तार्किक चिन्तन हैं । "
*पिन्टर - " जीवन की अपेक्षाकृत नवीन परिस्थितियों से अपना सांमजस्य करने की व्यक्ति की योग्यता ही बुद्धि है। "
* गाल्टन - " बुद्धि पहचानने तथा सीखने की शक्ति है । "
* वेश्लर - " बुद्धि एक सार्वजनिक क्षमता है जिसके सहारे व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण किया करता है तथा समायोजन स्थापित करता है । "
* रैक्स व नाइट - " बुद्धि वह तत्व है जो सब मानसिक योग्यताओं में सामान्य रूप से सम्मिलित रहता है ।
* स्टोडार्ड - " बुद्धि उन क्रियाओं को समझने की योग्यता है , जिसमें कठिनता , जटिलता , अमूर्तता , मितव्ययता , सामाजिकता व मौलिकता की उत्पत्ति होती है । "
* रॉबिन्सन तथा रॉबिन्सन ( 1965 ) - " बुद्धि से तात्पर्य संज्ञानात्मक व्यवहारों के सम्पूर्ण वर्ग से होता हैं , जो व्यक्ति में सूझ द्वारा समस्या समाधान करने क्षमता , नयी परिस्थितियों के साथ समायोजन करने की क्षमता , अमूर्त रूप से सोचने की क्षमता तथा अनुभवों से लाभ उठाने की क्षमता को दिखलाता है । "
* रॉबर्ट स्टर्नबर्ग - " बुद्धि वह योग्यता है जिससे व्यक्ति पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होता है , अपने समाज व संस्कृति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पर्यावरण के कुछ पक्षों का चयन करता है व परिवर्तित करता है ।
* बुद्धि की विशेषताएँ -
* बुद्धि व्यक्ति की जन्मजात शक्ति है ।
*बुद्धि , व्यक्ति को अमूर्त चिन्तन की योग्यता प्रदान करती है ।
*बुद्धि , व्यक्ति को नवीन परिस्थितियों से सामजस्य करने का गुण प्रदान करती है । बुद्धि का विकास जन्म से लेकर किशोरावस्था के अन्तिम समय तक होता है ।
* बुद्धि , तर्क , चिन्तन , कल्पना तथा स्मरण करने की योग्यता है ।
* बुद्धि पर वंशानुक्रम तथा वातावरण का प्रभाव पड़ता है ।
* बुद्धि , व्यक्ति की कठिन परिस्थितियों और जटिल समस्याओं को सरल बनाती है ।
* बुद्धि , सीखने में सहायक होती है ।
*बुद्धि , अन्तर करने की क्षमता विकसित करती है ।
* बुद्धि , क्षमताओं का योग है ।
* बुद्धि , समस्या समाधान की योग्यता है ।
* बुद्धि सही और गलत , नैतिक और अनैतिक कार्यों में अन्तर करने की योग्यता देती है । ]
* प्रिन्टर - " बुद्धि का विकास जन्म से लेकर किशोरावस्था के मध्यकाल तक होता है । "
* कॉल एवं ब्रूस - " लिंग - भेद के कारण बालकों और बालिकाओं की बुद्धि में बहुत ही कम अन्तर होता है । "
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* बुद्धि के प्रकार
क.स.
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थार्नडाइक
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गैरिट
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1
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अमूर्त बुद्धि ( ABSTRACT )
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अमूर्त बुद्धि
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2
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सामाजिक बुद्धि ( SOCIAL )
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सामाजिक बुद्धि
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3
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यांत्रिक
बुद्धि ( MOTOR )
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मूर्त बुद्धि
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1. अमूर्त बुद्धि - इसको सैद्धान्तिक / सूक्ष्म बुद्धि भी कहते हैं । इसका सम्बन्ध पुस्तकीय ज्ञान से होता है । इस बुद्धि में प्रतीकों , शब्दों , अंको , सूत्रों आदि में प्रस्तुत समस्याओं को सुलझाने की योग्यता शामिल है । जैसे- वकील , डॉक्टर , दार्शनिक , चित्रकार , गणितज्ञ , शिक्षक , साहित्यकार , पेन्टर ।
2. सामाजिक बुद्धि - यह बुद्धि सामाजिक कार्यों में रूचि लेने वाले तथा व्यवहार कुशल व्यक्तियों में पाई जाती है । जैसे- राजनेता , व्यवसायी , कूटनीतिज्ञ , सामाजिक कार्यकर्ता ।
3. यांत्रिक / मूर्त बुद्धि - इस बुद्धि को ' गामक / स्थूल बुद्धि भी कहते हैं । इस बुद्धि का सम्बन्ध यंत्रो और मशीनों से होता है , इसलिए इसे यांत्रिक और व्यवहारिक बुद्धि भी कहा जाता है । जिस व्यक्ति में यह बुद्धि होती है , वह यन्त्रों और मशीनों के कार्य में विशेष रूचि लेता है । जैसे - कारीगर , मैकेनिक , इंजीनियर , औद्योगिक कार्यकर्ता आदि ।
* बुद्धि के सिद्धान्त
क्रमांक |
सिद्धांत का नाम |
प्रतिपादक / प्रमुख व्यक्ति |
विवरण / विशेषताएँ |
1 |
एक कारक / एक तत्व सिद्धांत |
अल्फ्रेड बिने |
बुद्धि को एक समग्र तत्व माना गया। |
2 |
द्विकारक सिद्धांत |
चार्ल्स स्पीयरमैन |
बुद्धि दो कारकों (g - सामान्य बुद्धि और s - विशेष योग्यता) से बनी। |
3 |
त्रिकारक सिद्धांत |
चार्ल्स स्पीयरमैन |
बुद्धि को तीन तत्वों (विशिष्ट योग्यता) में विभाजित किया। |
4 |
बहुकारक / परमाण्विक (बालू) सिद्धांत |
एडवर्ड थार्नडाइक |
बुद्धि कई छोटे स्वतंत्र कारकों से बनी है। |
5 |
समूह कारक सिद्धांत |
एल.एल. थर्स्टन |
बुद्धि कई समूह कारकों (7 मुख्य) का समूह है। |
6 |
प्रतिदर्श / नमूना सिद्धांत |
जी.एच. थॉमसन |
बुद्धि में एक कारक प्रतिदर्श के रूप में कार्य करता है। |
7 |
त्रि-आयामी बुद्धि सिद्धांत |
जे.पी. गिलफोर्ड |
बुद्धि को विषयवस्तु, प्रक्रिया और उत्पाद के तीन आयामों में बाँटा। |
8 |
बहु-बुद्धि सिद्धांत |
हावर्ड गार्डनर |
बुद्धि के कई प्रकार जैसे भाषाई, तार्किक, स्थानिक आदि। |
9 |
त्रितंत्र / त्रिपाचीय बुद्धि सिद्धांत |
रॉबर्ट स्टर्नबर्ग |
विश्लेषणात्मक, सृजनात्मक, और व्यावहारिक बुद्धि। |
10 |
बुद्धि क तथा ख सिद्धांत |
हैब |
क = जन्मजात बुद्धि, ख = प्राप्त बुद्धि। |
11 |
तरल और ठोस बुद्धि सिद्धांत |
आर.बी. कैटेल और जॉन एस. हार्न |
तरल बुद्धि (जन्मजात), ठोस बुद्धि (प्राप्त)। |
12 |
आश्चर्यजनक बुद्धि सिद्धांत |
बी.एस. ब्लूम |
बुद्धि कोई स्थायी वस्तु नहीं, विभिन्न कार्यों की क्षमता। |
13 |
बुद्धि का पदानुक्रमिक सिद्धांत |
सिरिल बर्ट और हंस जीन वर्नन |
सामान्य (G) से लेकर विशिष्ट योग्यता तक की श्रेणियाँ। |
14 |
मानसिक कार्यों का त्रि योग्यता सिद्धांत |
आर्थर जेन्सन |
मानसिक कार्यों को तीन श्रेणियों में बांटा। |
15 |
बुद्धि का द्वि-स्तरीय सिद्धांत |
कैम्पियन एवं ब्राउन |
लेवल I और लेवल II बुद्धि। |
16 |
PASS बुद्धि मॉडल |
जे.पी. दास, जैक नाग्लीरी, किर्बो |
योजना, अवधान, सहकालिक और आनुक्रमिक प्रक्रियाओं पर आधारित। |
17 |
बहुमानसिक योग्यता सिद्धांत |
कैली |
बुद्धि कई मानसिक योग्यताओं का समूह। |
18 |
इकाई सिद्धांत |
जॉनसन / स्टर्न |
बुद्धि एक या अधिक इकाइयों से मिलकर बनी। |
19 |
मात्रा सिद्धांत |
थार्नडाइक |
बुद्धि मस्तिष्क में न्यूरॉन कनेक्शन की मात्रा पर निर्भर। |
1) एक खण्ड / एक तत्व / एक कारक सिद्धांत
प्रतिपादक: अल्फ्रेड बिने (Alfred Binet) – 1911 ई.
सहयोगी: टर्मन, स्टर्न
अन्य नाम:
मुख्य बिंदु:
-
यह सबसे प्राचीन बुद्धि का सिद्धांत है।
-
इसके अनुसार बुद्धि एक एकल तत्व (Single Factor) होती है, जो सभी कार्यों के लिए उत्तरदायी है।
-
सभी कार्यों में यही एक कारक कार्य करता है।
-
जॉनसन ने इसे निरकुंशवादी सिद्धांत कहा क्योंकि इसमें केवल एक ही बुद्धि तत्व की बात की गई है।
★ आलोचना:
2) द्वि-कारक सिद्धांत (Two-Factor Theory)
प्रतिपादक: चार्ल्स एडवर्ड स्पीयरमैन (Spearman) – 1904 ई.
राष्ट्र: इंग्लैंड
अन्य नाम: राजतंत्रीय सिद्धांत (Monarchical Theory)
मुख्य बिंदु:
-
व्यक्ति में दो प्रकार के बुद्धि कारक होते हैं:
G – General Factor (सामान्य कारक)
S – Specific Factor (विशिष्ट कारक)
-
G कारक जन्मजात, स्थायी और मानसिक कार्यों के लिए उत्तरदायी होता है।
-
S कारक अर्जित होता है और विशिष्ट क्षेत्रों की कुशलता से संबंधित होता है।
-
G को राजा और S को प्रजा की तरह माना गया है।
तुलना तालिका:
सामान्य कारक (G) | विशिष्ट कारक (S) |
---|
जन्मजात | अर्जित |
सकारात्मक | नकारात्मक |
मानसिक ऊर्जा | विशिष्ट कुशलता |
सभी कार्यों में सहायक | विशेष कार्यों में सहायक |
3) त्रिखण्ड / त्रिकारक / त्रितत्व सिद्धांत (Three-Factor Theory)
प्रतिपादक: स्पीयरमैन – 1911 ई.
मुख्य बिंदु:
त्रि-तत्वीय बुद्धि का समीकरण:
बुद्धि = G + S + (S₁ + S₂ + S₃...)
समूह कारक का स्थान:
-
ये योग्यता G से निम्न, और S से उच्च स्तर की होती हैं।
-
सामूहिक खंड उन योग्यताओं को दर्शाते हैं जो सामान्य और विशिष्ट के मध्य की होती हैं।
4) बहुखण्डात्मक / बहुकारक / बहुतत्व / मात्रा का सिद्धान्त
प्रतिपादक: एडवर्ड थार्नडाइक (Edward Thorndike) – अमेरिका (1874–1949)
अन्य नाम:
मुख्य बिंदु:
-
थार्नडाइक ने स्पीयरमैन के द्वि-कारक सिद्धांत का खंडन किया।
-
बुद्धि को अनेक स्वतंत्र व सूक्ष्म कारकों का समूह माना।
-
प्रत्येक कारक एक विशिष्ट मानसिक क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है।
-
उदाहरण: जैसे ईंटों से मकान बनता है, वैसे ही विभिन्न योग्यता-तत्वों से बुद्धि बनती है।
थार्नडाइक के 6 मूल कारक:
-
आंकिक योग्यता
-
शाब्दिक योग्यता
-
दिशा योग्यता
-
तर्क योग्यता
-
स्मृति योग्यता
-
भाषण योग्यता
विशेष:
बुद्धि के 4 गुण (Thorndike):
गुण | अधिक | कम |
---|
स्तर | कठिनाई अधिक | कम |
विस्तार | क्षेत्रफल अधिक | कम |
गति | तेज | धीमी |
समय | कम | अधिक |
5) समूह कारक सिद्धान्त (Group Factor Theory)
प्रतिपादक: लुई लियोन थर्स्टन (L. L. Thurstone) – अमेरिका
सहयोगी: कैली
साल: 1938
पुस्तक: Primary Mental Abilities
अन्य नाम:
मुख्य बिंदु:
-
बुद्धि एकल तत्व नहीं बल्कि विभिन्न प्राथमिक मानसिक क्षमताओं का समूह है।
-
थर्स्टन ने प्रारंभ में 13 क्षमतियाँ बताई, लेकिन 7 को प्रमुख माना गया।
7 प्रमुख मानसिक योग्यताएँ (सूत्र: V + W + S + N + R + M + P):
-
V – Verbal Meaning (शाब्दिक अर्थ क्षमता)
-
W – Word Fluency (शब्द प्रवाह)
-
S – Spatial (स्थानिक क्षमता)
-
N – Numerical (आंकिक क्षमता)
-
R – Reasoning (तर्क क्षमता)
-
M – Memory (स्मरण क्षमता)
-
P – Perceptual Speed (प्रत्यक्षज्ञानात्मक)
विशेष:
6) गिलफोर्ड का त्रिआयामी / त्रिविमीय बुद्धि सिद्धान्त
प्रतिपादक: जॉय पॉल गिलफोर्ड (J.P. Guilford)
देश: सोवियत संघ (रूस)
वर्ष: 1967
अन्य नाम:
मुख्य बिंदु:
प्रारंभिक मॉडल (1967):
1977 का संशोधन:
1988 का संशोधन:
उदाहरण:
-
“सब्जी कौन सी बनाएं?” → विषयवस्तु
-
“सोच-विचार करना” → संक्रिया
-
“आलू की सब्जी बनाना” → परिणाम
7) प्रतिदर्श / प्रतिमान / न्यादर्श / नमूना / वर्गघटक बुद्धि सिद्धान्त (Sample Theory)
प्रतिपादक: जे.जे. थॉमसन (J.J. Thomson)
वर्ष: 1955
मुख्य बिंदु:
-
बुद्धि में अनेक कारक होते हैं, जिनमें से कोई एक कारक प्रतिदर्श (Sample) की तरह कार्य करता है।
-
यह कारक पूरी बुद्धि के कार्य को नियंत्रित करता है।
-
उदाहरण: चावल पकते समय चावल के कुछ दानों को देखकर निर्णय लेना कि चावल पक गए हैं या नहीं।
-
इसी प्रकार, बुद्धि के कुछ कारक काम को पूरा करने के लिए प्रतिदर्श के रूप में काम करते हैं।
8) LEVEL I एवं LEVEL II बुद्धि सिद्धान्त
प्रतिपादक: जॉन्सन
मुख्य बिंदु:
9) क (a) एवं ख (b) बुद्धि सिद्धान्त
प्रतिपादक: हैब
मुख्य बिंदु:
-
बुद्धि दो भागों में बंटी है:
-
क एवं ख के समन्वय से ग बुद्धि उत्पन्न होती है, जो विशिष्ट कार्यों में सहायक होती है।
10) तरल (Fluid) और ठोस (Crystallized) बुद्धि सिद्धान्त
प्रतिपादक: रेमंड बर्नार्ड कैटल (Raymond Bernard Cattell)
सहयोगी: जॉन एस. हॉर्न (John S. Horn)
वर्ष: कैटल (1963), हॉर्न (1987)
अन्य नाम:
-
धारा प्रवाह का सिद्धान्त
-
GC-GF मॉडल
मुख्य बिंदु:
नोट:
11) आश्चर्यजनक बुद्धि सिद्धान्त (Surprising Intelligence Theory)
प्रतिपादक: बी.एस. ब्लूम (B.S. Bloom)
काल: 1913 - 1999
मुख्य बिंदु:
-
बुद्धि जैसी कोई वस्तु या तथ्य नहीं है।
-
बुद्धि कोई स्पष्ट या निश्चित अवधारणा नहीं है।
-
यह सिद्धान्त कहता है कि यह आश्चर्यजनक है कि व्यक्ति इतने विविध कार्य कर पाता है।
-
इसे बुद्धि का अनोखा सिद्धान्त भी कहा जाता है।
12) बुद्धि का त्रिचापीय सिद्धान्त (Triarchic Theory of Intelligence)
प्रतिपादक: रॉबर्ट स्टर्नबर्ग (Robert Sternberg)
वर्ष: 1985
अन्य नाम: त्रितंत्र सिद्धान्त (Triarchic Theory)
पुस्तक: Beyond IQ
परिभाषा:
-
घटकिय बुद्धि / विश्लेषण बुद्धि (Componential / Analytical Intelligence)
-
आनुभाविक / सृजनात्मक बुद्धि (Experiential / Creative Intelligence)
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सांदर्भिक / व्यावहारिक बुद्धि (Contextual / Practical Intelligence)
13) बहु बुद्धि / बहुआयामी बुद्धि सिद्धान्त (Multiple Intelligence Theory)
प्रतिपादक: हावर्ड गार्डनर (Howard Gardner)
जन्म: 1943
वर्ष: 1983
पुस्तक: Frames of Mind: The Theory of Multiple Intelligence
मुख्य बिंदु:
-
बुद्धि को अनेक प्रकारों में बांटा जा सकता है।
-
प्रारंभ में 7 प्रकार की बुद्धि बताई गई।
-
बाद में 1998 में 8, और 2000 में 9 प्रकार की बुद्धि को शामिल किया गया।
-
यह सिद्धान्त बुद्धि को एकल माप (जैसे IQ) में सीमित न करके, विविध और बहुआयामी रूप में देखता है।
वर्तमान में अभी 9 प्रकार है ।
( 1 ) शाब्दिक / भाषायी बुद्धि ( Linguistic ) / वाक योग्यता ,
( 2 ) तार्किक ( Logical ) / गणितीय / वैज्ञानिक / संख्यात्मक योग्यता ,
( 3 ) संगीतात्मक बुद्धि ( Musical ) ,
( 4 ) स्थानात्मक / देशिक बुद्धि ( Spatial ) ,
( 5 ) शारीरिक - गतिसंवेदी बुद्धि ( Bodily - kinaestetic ) ,
( 6 ) अंतरावैयक्तिक बुद्धि - आत्मन बुद्धि ( Intra Personal In . ) ,
( 7 ) अंतर्वेयक्तिक बुद्धि : अन्य बुद्धि ( Inter Personal Int . ) ,
( 8 ) प्रकृतिवादी बुद्धि ( Naturalistic ) - 1998 ई . में जोड़ी ,
( 9 ) अस्तित्ववादी बुद्धि ( Existentialistic ) - 2000 ई . में जोड़ी
1. शाब्दिक / भाषायी बुद्धि- जिन व्यक्तियों में शब्दों तथा भाषा को बोलने तथा समझने की क्षमता हो । जैसे - कवि , पत्रकार , वकील , गीतकार , लेखक , व्याख्याता ।
2. तार्किक बुद्धि- जिन व्यक्तियों में तर्क - वितर्क करने की क्षमता अधिक होती है । जिसमें चिंतन का विशेष महत्व होता है । जैसे वैज्ञानिक , गणितज्ञ , दार्शनिक , नोबेल पुरस्कार विजेताओं में यह बुद्धि पाई जाती है ।
3. संगीतात्मक बुद्धि- जिन व्यक्तियों को ध्वनियों की लय , गीत , आरोह आदि का ज्ञान हो । जैसे- संगीतकार ( अल्का याज्ञनिक , कुमार शानू ) , सारंगी वादक , तबला वादक , सितारवादक आदि
4. स्थानिक / देशिक बुद्धि - यह दृश्य बिंब तथा प्रतिरूप निर्माण कौशल की योग्यता है । जिन व्यक्तियों में प्रत्यक्षीकरण की क्षमता अधिक हो । जैसे- मूर्तिकार , चित्रकार , वास्तुकार , शिल्पकार , नौचालक , पायलेट , सर्वेक्षक अधिकारी आदि ।
5. शारीरिक गतिसंवेदी बुद्धि - शरीर के अंगों के संचालन से संबथित बुद्धि । जैसे- नर्तक , धावक , अभिनेता , सर्जन , खिलाड़ी , मुक्केबाज , तैराक , जिमनास्टिक आदि
6. अंतरावैयक्तिक बुद्धि - ( INTRAPER SONAL ) - स्वयं भावनाओं , अभिप्रेरणाओं , कमियों , क्षमता व इच्छाओं को जानने की योग्यता । जैसे- स्वयं की भावनाओं , अभिप्रेरणाओं , कमियों , क्षमता व इच्छाओं को जानने की योग्यता ।
7. अंतवैयक्तिक बुद्धि ( INTERPERSONAL ) - दूसरे व्यक्तियों के उद्देश्यों , भावनाओं , व्यवहारों को समझने की योग्यता । जैसे- मनोवैज्ञानिक , परामर्शदाता , सामाजिक कार्यकर्ता , राजनीतिज्ञ , धार्मिक नेता , विक्रम अधिकारी आदि ।
8. प्रकतिवादी बुद्धि - प्रकृति के बारे में समझ रखने वाली बुद्धि । पर्वतों पर घूमना , अधिक पेड - पौधे लगाना , प्रकृति के बीच अधिक से अधिक रहना । जैसे- वनस्पति विज्ञानी , पर्यटक , किसान , प्राणीविज्ञानी , पक्षीविज्ञानी , शिकारी , जीवविज्ञानी आदि ।
9. अस्तित्ववादी बुद्धि- इस संसार में छिपे हुए रहस्यों को जानना तथा वास्तविकता के बारे में पता लगाना । जैसे- चिंतन
• हावर्ड गार्डनर कहते है कि बुद्धि कोई एक तत्व नहीं है बल्कि कई भिन्न - भिन्न प्रकार की बुद्धियों का अस्तित्व होता है ।
• इस सिद्धानत को बहुलबुद्धि सिद्धांत या बहु प्रकार सिद्धान्त भी कहते हैं । नोट- NCERT 12 की पाठ्यपुस्तक में 8 प्रकार की बुद्धि को बताया गया है ।
14) पदानुक्रमिक / क्रमिक महत्व का सिद्धान्त (Hierarchical Theory)
प्रतिपादक: बर्ट वर्नन (Burt & Vernon)
वर्ष: 1965
मुख्य बिंदु:
-
बुद्धि की संरचना में सबसे ऊपर सामान्य योग्यता (G) होती है।
-
सामान्य मानसिक योग्यता दो भागों में विभाजित:
-
क्रियात्मक, यान्त्रिक, प्रक्षेपण व शारीरिक
-
शाब्दिक, सांख्यिक और शैक्षिक
-
इस सिद्धांत में सामान्य योग्यता को सबसे अधिक महत्व दिया गया है।
15) पदानुक्रमिक / क्रमिक महत्व का सिद्धान्त - जॉन बी. कैरोल (John B. Carroll)
प्रतिपादक: जॉन बी. कैरोल (अमेरिका)
काल: 1916-2003
मुख्य बिंदु: बुद्धि के तीन स्तर बताए:
-
सामान्य (General)
-
विस्तृत (Broad)
-
संकीर्ण (Narrow)
16) मात्रा सिद्धान्त (Quantity Theory)
प्रतिपादक: थार्नडाइक (Thorndike)
मुख्य बिंदु:
-
मस्तिष्क की गुणात्मकता स्नायु तंतुओं की मात्रा पर निर्भर करती है।
-
जितने अधिक स्नायु संबंध होंगे, उतनी अधिक बुद्धि।
-
मस्तिष्क और स्नायुमंडल के बीच संबंध बुद्धि का आधार है।
17) शक्ति मनोविज्ञान सिद्धान्त (Power Psychology Theory)
प्रतिपादक: रीड (Reed)
मुख्य बिंदु:
-
मस्तिष्क में कई शक्तियां होती हैं, जैसे याद करना, निर्णय लेना, समझना, सोचना आदि।
-
कुल 30 प्रकार की मानसिक शक्तियां होती हैं, जिनमें से बुद्धि एक है।
18) PASS बुद्धि का मॉडल (PASS Model of Intelligence)
विकसितकर्ता: जे.पी. दास (J.P. Das), जैक नागलीरी (Jack Naglieri), किर्बो (Kirby)
वर्ष: 1994
मुख्य बिंदु:
यहाँ 1 से 14 तक के बुद्धि सिद्धांतों का टेबुलर फॉर्म में सारांश प्रस्तुत है, ताकि आप आसानी से तुलना कर सकें और समझ सकें:
क्रम संख्या |
सिद्धांत का नाम |
प्रतिपादक |
वर्ष |
मुख्य बिंदु / विवरण |
अन्य नाम / विशेषता |
1 |
एक कारक सिद्धांत |
अल्फ्रेड बिने, टर्मन, स्टर्न |
1911 |
बुद्धि में एक ही कारक होता है, जो सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार। |
एक घटक सिद्धांत, निरकुंशवादी सिद्धांत |
2 |
द्वि-कारक सिद्धांत |
चार्ल्स एडवर्ड स्पीयरमैन |
1904 |
दो कारक: G (सामान्य योग्यता), S (विशिष्ट योग्यता)। |
राजतंत्रीय सिद्धांत |
3 |
त्रि-कारक सिद्धांत |
स्पीयरमैन |
1911 |
G + S + समूह कारक; बुद्धि तीन खण्डों में विभाजित। |
त्रितत्व सिद्धांत |
4 |
बहु-खण्डात्मक सिद्धांत |
एडवर्ड थार्नडाइक |
--- |
बुद्धि अनेक स्वतंत्र कारकों से बनी; 6 मूल तत्व बताए। |
बालू का सिद्धांत, परमाणु सिद्धांत |
5 |
समूह कारक सिद्धांत |
थर्स्टन, कैली |
1938 |
बुद्धि 7 प्रमुख मानसिक योग्यता समूहों का समूह। |
प्राथमिक मानसिक योग्यता सिद्धांत |
6 |
त्रिआयामी बुद्धि सिद्धांत |
जॉय पॉल गिलफोर्ड |
1967 |
बुद्धि विषयवस्तु, संक्रिया, उत्पाद के आधार पर 120-180 खण्डों में। |
3-D THEORY, संरचनावादी सिद्धांत |
7 |
प्रतिदर्श / नमूना बुद्धि सिद्धांत |
जे.जे. थॉमसन |
1955 |
बुद्धि के कई कारक होते हैं, जिनमें से एक प्रतिदर्श के रूप में कार्य करता है। |
सैंपल थ्योरी |
8 |
लेवल I और लेवल II सिद्धांत |
जॉनसन |
--- |
लेवल I: जन्मजात और अपरिवर्तनीय बुद्धि; लेवल II: शिक्षा एवं अनुभव से प्राप्त बुद्धि। |
- |
9 |
क (a) और ख (b) बुद्धि सिद्धांत |
हैब |
--- |
क: जन्मजात बुद्धि, ख: शिक्षा एवं वातावरण से प्राप्त बुद्धि; मिलकर ग बुद्धि बनाते हैं। |
- |
10 |
तरल और ठोस बुद्धि सिद्धांत |
आर.बी. कैटल, हार्न |
1963, 1987 |
तरल बुद्धि: जन्मजात, सामान्य कार्य; ठोस बुद्धि: शिक्षा से प्राप्त, विशेष कार्यों में सहायक। |
GC-GF मॉडल, धारा प्रवाह सिद्धांत |
11 |
आश्चर्यजनक बुद्धि सिद्धांत |
बी.एस. ब्लूम |
--- |
बुद्धि जैसा कोई एकल तत्व नहीं, व्यक्ति विभिन्न कार्य करता है। |
बुद्धि का अनोखा सिद्धांत |
12 |
बुद्धि का त्रिचापीय सिद्धांत |
रॉबर्ट स्टर्नबर्ग |
1985 |
तीन प्रकार की बुद्धि: घटकीय, सृजनात्मक, व्यावहारिक। |
त्रितंत्र सिद्धांत |
13 |
बहु बुद्धि सिद्धांत |
हावर्ड गार्डनर |
1983 |
प्रारम्भ में 7, बाद में 9 प्रकार की बुद्धि। |
MULTIPLE INTELLIGENCE THEORY |
14 |
पदानुक्रमिक महत्व का सिद्धांत |
बर्ट वर्नन |
1965 |
बुद्धि में सामान्य योग्यता सबसे ऊपर, उसके बाद विशिष्ट योग्यताएं। |
- |
बुद्धि मापन
* मानसिक परीक्षण शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम सन 1890 में जेम्स कैटेल ( James Cattell ) ने किया । जेम्स कैटल ने सन 1890 में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय ( अमेरिका ) में MENTAL TEST & MEASUREMENT ( मानसिक परीक्षण व मापन ) नामक पुस्तक का प्रकाशन किया ।
* बुद्धि मापन या परीक्षण का जन्मजात अल्फ्रेड बिने ( फ्रांस ) को कहा जाता है ।
* मानसिक आयु ( Mental Age ) का विचार सबसे पहले सन 1908 में अलफ्रेड बिने ने दिया ।
* बुद्धि लब्धि शब्द का सबसे पहले प्रयोग वर्दीमर विलियम स्टर्न ने किया था बाद में टरमन ने भी इसका प्रयोग किया ।
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टरमन (1877–1956 ई.) – अमेरिका
टरमन ने सन् 1916 में बुद्धि लब्धि (IQ) को स्पष्ट करने के लिए एक सूत्र दिया, जिसमें उन्होंने बुद्धि लब्धि में दशमलव को हटाने के लिए 100 से गुणा करने का नियम बनाया।
बुद्धि लब्धि का संशोधित सूत्र (टरमन द्वारा):
बुद्धि लब्धि (I.Q.)=(वास्तविक आयु (C.A.)मानसिक आयु (M.A.))×100
परिभाषाएँ:
-
मानसिक आयु (M.A.) – किसी व्यक्ति का बौद्धिक विकास उसकी आयु वर्ग के अन्य व्यक्तियों की तुलना में कितना है।
-
वास्तविक आयु (C.A.) – व्यक्ति के जन्म से लेकर वर्तमान समय तक की आयु। इसे तैथिक आयु, जैविक आयु, शारीरिक आयु या कालानुक्रमिक आयु भी कहते हैं।
बुद्धि लब्धि (I.Q.) का मूल सूत्र:
I.Q.=वास्तविक आयुमानसिक आयु
I.Q.=(C.A.M.A.)×100
उदाहरण:
यदि किसी बालक की वास्तविक आयु 15 वर्ष है और मानसिक आयु 21 वर्ष है, तो उसकी बुद्धि लब्धि होगी:
I.Q.=(1521)×100=140
अन्य संबंधित शब्द:
क्रम सूत्र (Formulas):
-
\text{I.Q.} = \left( \frac{\text{M.A.}}{\text{C.A.}} \right) \times 100
]
2. M.A.=(100I.Q.×C.A.)
3. C.A.=(I.Q.M.A.×100)
बुद्धि लब्धि का वर्गीकरण (टरमन के अनुसार):
I.Q. सीमा | बुद्धि का प्रकार | प्रतिशत |
---|
140 से अधिक | प्रतिभाशाली (Genius) | 2% |
120–140 | अतिश्रेष्ठ / अति प्रखर (Very Superior) | 7% |
110–120 | श्रेष्ठ / प्रखर (Superior) | 16% |
90–110 | सामान्य / औसत (Average) | 50–60% |
80–90 | मंदबुद्धि / पिछड़ी बुद्धि | 16% |
70–80 | क्षीण / निर्बल बुद्धि (Feeble-minded) | 7% |
50–70 | अल्प बुद्धि (Morons) | — |
25–50 | मूढ़ बुद्धि (Imbeciles) | — |
0–25 | महामूर्ख / जड़बुद्धि (Idiots) | — |
विशेष नोट्स:
-
मानसिक आयु > वास्तविक आयु → व्यक्ति बुद्धिमान माना जाएगा।
-
मानसिक आयु < वास्तविक आयु → व्यक्ति मंदबुद्धि माना जाएगा।
-
I.Q. के आधार पर व्यक्तियों को विभिन्न बुद्धि वर्गों में बांटा जा सकता है।
* क्रो एवं को उन बालकों को प्रतिभाशाली मानते हैं जिनकी बुद्धि लब्धि 130 या अधिक होती है ।
* को एवं क्रो ने यह भी बताया है कि 70 से कम बुद्धि लब्धि वाले बालक मंद बुद्धि की श्रेणी में आते हैं । बुद्धि परीक्षण
बुद्धि परीक्षण के प्रकार व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण सामूहिक बुद्धि परीक्षण शाब्दिक अशाब्दिक शाब्दिक अशाब्दिक
* एक समय में एक ही व्यक्ति पर प्रयोग किए जाने वाले परीक्षण को व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण कहते हैं । इसके दो भेद हैं - शाब्दिक और अशाब्दिक
• शाब्दिक परीक्षण ( वाचिक बुद्धि परीक्षण ) - इस परीक्षण का प्रयोग पढ़े - लिखे ( शिक्षित ) लोगों के लिए किया जाता है तथा इसका प्रयोग अमूर्त बुद्धि का मापन करने में किया जाता है । प्रथम व्यक्तिगत शाब्दिक परीक्षण सन 1905 में अलफ्रेड बिने ने साइमन के साथ मिलकर बनाया जिसका नाम बिने साइमन बुद्धि परीक्षण रखा ।
• अशाब्दिक परीक्षण ( अवाचिक बुद्धि परीक्षण ) - इस परीक्षण में शब्दों , भाषा , वाक्य आदि के स्थान पर संकेतो , चित्रों , वस्तुओं आदि का उपयोग करते हैं यह परीक्षण छोटे बालक , निरक्षर , गूंगे , तथा बहरे बालकों पर प्रयोग किया जाता है । इस परीक्षण का प्रयोग मूर्त बुद्धि के मापन में करते हैं । अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में निम्न परीक्षण होते हैं जो बुद्धि परीक्षण से सम्बन्धित है
1. वस्तु संयोजन परीक्षण - अलग - अलग वस्तुओं को जोड़कर एक उपयोगी वस्तु को बनाना होता है । जो व्यक्ति उस वस्तु को जितने जल्दी बना लेगा वह उतना ही अधिक बुद्धिमान माना जायेगा ।
2. ब्लॉक बिल्डिंग टेस्ट - इस टेस्ट का निर्माण कोह ने किया । इस परीक्षण में चौकोर बॉक्स को जोड़कर एक उपयोगी आकृति बनानी होती है ।
3. चित्र पूर्ति / मूल भुलैया परीक्षण - विभिन्न अधूरे चित्रों को बालकों को दे दिया जाता है तथा उनको पूरा करने के लिए कहा जाता है । इसके आधार पर उनकी बुद्धि का मापन किया जाता है ।
4. मनुष्य कर्षण / मानव आकर्षण परीक्षण - इस टेस्ट को ड्रा ए मेन टेस्ट भी कहा जाता है । इस परीक्षण में कोई मानव चित्र बनवाया जाता है , इसी के आधार पर बुद्धि का मापन किया जाता है ।
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सामूहिक बुद्धि परीक्षण
* 1917 में इस परीक्षण डॉ . आर्थर एस . ऑटिस ने किया ।
* इस परीक्षण में एक समय पर एक से अधिक व्यक्तियों की बुद्धि का परीक्षण किया जाता है । इन परीक्षणों में समय कम लगता है । इसमें धन की आवश्यकता कम होती है तथा यह बड़े बालकों तथा वयस्कों के लिए उपयुक्त है । इनका उपयोग व्यक्तियों के चयन तथा वर्गीकरण हेतु अधिक किया जाता है ।
* सामूहिक परीक्षण की शुरूआत प्रथम विश्व युद्ध ( 1914 ) के समय हुई । उस समय दो परीक्षण किए गए
1. आर्मी अल्फा परीक्षण - शिक्षित व्यक्तियों के लिए
2. आर्मी बीटा परीक्षण - अशिक्षित व्यक्तियों के लिए
* प्रथम सामूहिक बुद्धि परीक्षण का निर्माण सन 1917 में अमेरिका में प्रथम विश्वयुद्ध के समय सैनिकों के चयन हेतु किया गया था । सामूहिक बुद्धि परीक्षण के दो प्रकार है
1. सामूहिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण- यह परीक्षण शिक्षित व्यक्तियों के सैनिक चयन हेतु किया गया । आर्मी अल्फा परीक्षण इसी प्रकार का परीक्षण है । आमी अल्फा परीक्षण प्रथम सामूहिक शाब्दिक परीक्षण है ।
2 सामूहिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण- अशिक्षित व्यक्तियों के सैनिक चयन हेतु प्रथम विश्व युद्ध के समय किया गया । आर्मी बीटा इसी तरह का परीक्षण ।
कुछ प्रचलित बुद्धि परीक्षण
1) बिने साइमन बुद्धि परीक्षण
* प्रतिपावक - अल्फ्रेड बिने और थियोडर साइमन
* 9005 में बनाया गया तथा 1908 व 1911 में संशोधन किया गया ।
* इसको फ्रेंच भाषा में बनाया गया ।
* 3 से 15 वर्ष के बालकों के लिए उपयोगी है ।
* इस परीक्षण में प्रश्नों की संख्या 30 थी
* यह व्यक्तिगत शाब्दिक बुद्धि परीक्षण था ।
* विशेष - 1911 में गोडार्ड ( अमेरिका ) ने इस परीक्षण का फ्रेंच भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद किया ।
नोट -
बी . कामथ ने 1935 में भारतीय अनुकूलन किया
2) स्टैनफोर्ड बिने परीक्षण - व्यक्तिगत शाब्दिक परीक्षण
* टरमन - ( 1877-1956 ई . ) अमेरिका
* प्रतिपावक - लुईस मैडिसन टरमन
* सन 1916 में , संशोधन - 1937 , 1960
* 2 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए
* कुल प्रश्नों की संख्या 90
* संशोधन के बाद इसे 2 से 22 वर्ष तक के बच्चों के लिए कर दिया ।
3) भूल भुलैया बुद्धि परीक्षण - व्यक्तिगत अशाब्दिक परीक्षण -
* प्रतिपादक - SD पोरटियस , 1924
* 3 से 14 वर्ष तक के बालकों के लिए ।
* 3 से 11 वर्ष तक के बालकों को दो अवसर दिए जाते हैं व 12 से 14 वर्ष तक के बालकों को चार अवसर दिए जाते हैं ।
4) कोहलर ब्लॉक डिजाईन परीक्षण - व्यक्तिगत क्रियात्मक परीक्षण
• प्रतिपादक- SC कोह 1923
• इसमें 16 ब्लॉक होते हैं ।
5 ) पास एलॉग परीक्षण ( पुनः स्मरण क्रियात्मक परीक्षण ) - व्यक्तिगत क्रियात्मक परीक्षण
• प्रतिपादक - अलेक्जेण्डर पास , 1932
• इसमें 9 डिजाइन कार्ड होते हैं ।
• यह 7 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए है ।
6) ड्रा ए मैन ( आदमी चित्र ) बुद्धि परीक्षण -
• प्रतिपादक - श्रीमती गुडएनफ , सन 1926
• 6 से 10 वर्ष तक के बालकों के लिए
• गुडएनफ इस परीक्षण में मानसिक रोगियों से आदमी का चित्र बनवाती थी और उस चित्र में बने अंगों के अनुपात के आधार पर बुद्धि का परीक्षण करती थी । बाद में सन 1963 में हैरिस ( DR . DALE B. HARRIS ) ने इसमें संशोधन किया और इस परीक्षण का नाम हैरिस ड्रा ए मैन बुद्धि परीक्षण रख दिया गया । अब इस परीक्षण में एक के स्थान पर एक ही व्यक्ति से दो या दो से अधिक चित्र बनवाये जाने लगे ।
7) आर्मी अल्फा परीक्षण - सामूहिण क शाब्दिक बुद्धि परीक्ष-
• प्रतिपादक - आर्थर एस . ओटिस
• यह सन 1917 में प्रथम विश्व युद्ध के समय सैनिकों का चुनाव करने के लिए बनाया गया ।
• यह परीक्षण शिक्षित व्यक्तियों के लिए था ।
• अमेरिका में यह परीक्षण किया गया ।
• यह प्रथम सामूहिक शाब्दिक परीक्षण है , इस परीक्षण में पहली बार दो नवीन शब्दों का प्रयोग हुआ- ( 1 ) बेसल वर्ष , ( 2 ) टर्मिनल वर्ष ।
8 ) आर्मी बीटा परीक्षण - सामूहिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण -
• प्रतिपादक - आर्थर एस . ओटिस
• प्रथम विश्वयुद्ध में अमेरिका में अशिक्षित व्यक्तियों के सैनिक चयन हेतु इसका निर्माण किया गया ।
• इसका निर्माण सन 1917 में किया गया ।
9 ) शिकागो क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण- 6 वर्ष की आयु के बालकों से लेकर वयस्कों तक के लिए उपयोगी ।
10 ) संस्कृति मुक्त बुद्धि परीक्षण - अभाषाई बुद्धि परीक्षण
• प्रतिपादक - कैटेल
• इस परीक्षण में तीन मापक हैं
1. मापक- 1 : 4 से 8 वर्ष तक के बच्चे तथा मानसिक दोष वाले वयस्क
2. मापक -2 : 8 से 13 वर्ष तक के बच्चों के लिए
3. मापक 3 : हाईस्कूल के छात्रों , कॉलेज के छात्रों तथा 14 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए ।
11 ) वैश्लर बुद्धि परीक्षण - मिश्रित बुद्धि परीक्षण -
• मिश्रित परीक्षण में वाचिक व अवाचिक दोनों परीक्षणों की विशेषताएं या गुण पाए जाते हैं ।
• प्रतिपादक - डेविड वेक्सलर ( वैश्लर )
• यह परीक्षण 1939 में बनाया गया , सन 1944 और 1955 में इस परीक्षण में संशोधन किया गया ।
• यह 16 से 64 वर्ष के व्यक्तियों के लिए उपयोगी है ।
• यह परीक्षण न्यूयॉर्क के वैलेव्यू ( Bellevue ) अस्पताल से प्रारम्भ हुआ , इस कारण इस परीक्षण को वैश्लर- वैलेव्यू परीक्षण भी कहते हैं ।
• इस परीक्षण में 7 शाब्दिक और 7 अशाब्दिक उपपरीक्षण है
1. सात शाब्दिक - सूचना , बोध , अंकविस्तार , शब्दावली , अंकगणितीय , समानता , अक्षर संख्या परीक्षण
2. सात अशाब्दिक - चित्र पूर्ति , चित्र व्यवस्था , ब्लॉक डिजाइन , वस्तु सज्जीकरण , अंक प्रतीक , भूलभुलैया , संकेत खोजा |
नोट -
1 भारत में इसका अनुवाद मजूमदार ने किया था ।
2मलिन्स ने 1969 में भारत में 6-15 वर्ष के बच्चों के लिए वैश्लर परीक्षण का निर्माण किया
* बाद में एक परीक्षण इन्होने 6-16 वर्ष के बच्चों के लिए बनाया , जिसका नाम WISC था ।
* WAIS- WECHSLER ADULT INTELLIGENCE SCALE ]
* WISC - WECHSLER INTELLIGENCE SCALE FOR CHILDREN ( 1949 में बनाया )
12 ) रैविन प्रोग्रेसिव मैट्रिसेज बुद्धि परीक्षण
* प्रतिपादक - रैविन ( जे.सी. रैविन )
* इस परीक्षण को यू.के. में 1938 में बनाया गया ।
* इसको सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण भी कहा जाता है ।
* यह अत्यन्त लोकप्रिय भाषारहित सामूहिक बुद्धि परीक्षा है ।
* यह एक अशाब्दिक परीक्षण है ।
* इस मापनी में रेविन के सरल से कठिन की ओर बढ़ते हुए प्रोग्रेसिव मैट्रिवन्स का प्रयोग किया ।
* इसे निम्न योग्यताओ की परीक्षा के लिए विकसित किया गया है
1. रेखागणित के चित्रों या डिजाइनों में आपस में संबंध देखना ।
2. डिजाइन के ढांचे को समझना ताकि उसे पुरा करने के लिए उसके उचित भाग को चुना जा सके । यह परीक्षण छोटे बच्चों के लिए उपयोगी है ।
13 ) सेना सामान्य वर्गीकरण टेस्ट ( AGCT ) - यह दूसरे विश्वयुद्ध के समय USA में प्रयोग किया गया था ।
प्रमुख भारतीय बुद्धि परीक्षण
1 ) जालौटा बुद्धि परीक्षण- सामूहिक बुद्धि परीक्षण ( शाब्दिक ) -
• प्रतिपादक - एस.एस. जालौटा , 1951 में बनाया ।
• यह 12 से 16 वर्ष तक के बालकों के लिए उपयोगी है ।
• इस परीक्षण में 7 क्षेत्रों से सम्बन्धित 100 प्रश्न होते हैं जिनका प्रत्युत्तर 20 मिनट में देना ( की अवधि ) होता है ।
2 ) भाटिया निष्पादन बुद्धि परीक्षण बैटरी - व्यक्तिगत अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण -
• प्रतिपादक - चन्द्रमोहन भाटिया
• 1955 में बनाया गया
• यह 11 से 16 वर्ष के बच्चों के लिए उपयोगी है ।
• इसमें 5 उपपरीक्षण शामिल हैं ।
1. कोह - ब्लॉक डिजाईन परीक्षण -1923 , 10 डिजाईन , व्यक्तिगत क्रियात्मक परीक्षण ।
2. एलेक्जेण्डर पास एलांग परीक्षण , 1932
3. पैटर्न ड्राइंग परीक्षण
4. तात्कालिक स्मृति परीक्षण
5. चित्र निर्माण परीक्षण
नोट -
यह भाटिया बैटरी परीक्षण के उपपरीक्षण हैं ।
• भाटिया बैटरी परीक्षण छोटे बच्चों , निदानात्मक अवलोकन व क्रियात्मक बुद्धि के लिए उपयोगी है ।
• इस परीक्षण में कई बुद्धि परीक्षणों को जोड़कर एक संयुक्त परीक्षण निर्मित किया गया । इसी कारण इसे ' बैटरी ' कहा जाता है ।
3 ) हिन्दुस्तानी बिने परफोरमेंस प्वाइंट स्केल - व्यक्तिगत शाब्दिक परीक्षण
• प्रतिपादक - C.H. राइस लाहौर के फॉरमन क्रिश्यिन कॉलेज ( FC कॉलेज ) के प्रिंसिपल - यह 1922 में बनाया ।
• यह भारत में निर्मित प्रथम बुद्धि परीक्षण है ।
• इसकी भाषा उर्दू थी ।
• यह 5 से 16 वर्ष के बच्चों के लिए उपयोगी है ।
• इसे ' राइस हिन्दुस्तानी बिने परीक्षण ' भी कहते हैं ।
4 ) जोशी सामान्य मानसिक योग्यता परीक्षण - शाब्दिक परीक्षण -
• सन 1960 में इसको बनाया गया ।
• इस परीक्षण में विभिन्न क्षेत्रों से संबधित 100 बहुविकल्पीय प्रश्न दिए जाते हैं
• यह 12-19 वर्ष तक के बालकों के लिए उपयोगी है । अन्य परीक्षण -
• आयु मापन पुनरावृत्ति परीक्षण - डॉ.वी.वी. कामत
• इलाहाबाद बुद्धि परीक्षण - डॉ . सोहनलाल
• C.LE बुद्धि परीक्षण - प्रो . उदयशंकर 1953
• लज्जा शंकर झा कृत सामूहिक परीक्षण - 1933
• प्रमिला पाठक का ड्रा ए मैन परीक्षण
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विशेष -
बुद्धि और उपलब्धि परीक्षण (Intelligence and Achievement Tests)
-
हिन्दी भाषा का प्रथम बुद्धि परीक्षण
👉 निर्माता: सी.एम. मोहिसन (C.M. Mohsin)
👉 वर्ष: 1930
-
भारत का प्रथम मिश्रित बुद्धि परीक्षण
👉 निर्माता: पी.एन. मेहरोत्रा (P.N. Mehrotra)
👉 वर्ष: 1975
👉 मिश्रित परीक्षण का अर्थ: मौखिक (verbal) और अमौखिक (non-verbal) दोनों प्रकार के आइटम का संयोजन
-
विचलन बुद्धि लब्धि (Deviation IQ)
👉 प्रतिपादक: डेविड वेक्सलर (David Wechsler)
👉 यह IQ की आधुनिक व्याख्या है, जिसमें व्यक्ति की बुद्धि लब्धि समूह के औसत से तुलना की जाती है।
📏 सूत्र (Formulas)
-
शैक्षिक लब्धि (Educational Quotient) — सिरिल बर्ट के अनुसार
शैक्षिक लब्धि=(वास्तविक आयुशैक्षिक आयु)×100
-
उपलब्धि लब्धि (Achievement Quotient)
उपलब्धि लब्धि=(मानसिक आयुशैक्षिक आयु)×100
संवेगात्मक बुद्धि / भावात्मक बुद्धि ( EMOTIONAL INTELLIGENCE )
* संवेगात्मक बुद्धि की धारणा सर्वप्रथम जॉन डी . मेयर और पीटर सालोवे ने सन 1990 में अमेरिका में दी ।
* JOHN D. MAYER - ( जन्म - अमेरिका में )
* पीटर सालोवे - ( जन्म - अमेरिका )
* डेनियल गोलमेन - ( जन्म - 1946 ई . में अमेरिका )
* संवेगात्मक बुद्धि के प्रतिपादक डैनियल गोलमेन हैं । इन्होने ही संवेगात्मक बुद्धि को चर्चित बनाया । सन् 1995 में लिखी पुस्तक ' संवेगात्मक बुद्धि : बुद्धि लब्धि से अधिक महत्वपूर्ण क्यों ? ( EMOTIONAL INTELLIGENCE : WHY IT CAN BETTER MORE THANI.Q . ) से संवेगात्मक बुद्धि को प्रसिद्धि मिली ।
* गोलमेन के अनुसार - " व्यक्ति के जीवन की सफलता का केवल 20 % ही बुद्धि लब्धि के कारण है , शेष सफलता यानि 80 % तो संवेगात्मक बुद्धि का परिणाम है ।
* डा . जॉन डी . मेयर और पीटर सालोवे द्वारा 1997 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ' संवेगात्मक विकास एवं संवेगात्मक बुद्धि ( EMOTIONAL DEVELOPMENT AND EMOTIONAL INTELLIGENCE ) में संवेगात्मक बुद्धि को परिभाषित किया ।
* डॉ जॉन डी मेयर व पीटर सालोवे के अनुसार - " संवेगात्मक बुद्धि वह योग्यता है जिसके द्वारा हम अपनी व दूसरे की भावनाओं का संचालन करते हैं , अन्तर करते हैं तथा उनसे निर्देशन प्राप्त करते हैं ।
नोट -
डैनियल गौलमेन- " संवेगों को जानने , देखभाल करने व संबंध स्थापित करने की शक्ति संवेगात्मक बुद्धि कहलाती है ।
* राबर्ट कूपर - " EQ संवेगो की शक्ति प्रवीणता को जानने , समझने व लागू करने की योग्यता है । " अतः संवेगात्मक बुद्धि से हमारा आशय व्यक्ति की उस समग्र वामता से माना जाता है जो उसे उसकी विचार प्रक्रिया का सदुपयोग करते हुए स्वयं के तथा अन्य व्यक्तियों के संवेगों को समझने , जानने तथा उचित तरीके से प्रबन्धन करने में उनकी सहायता करती हैं ।
*संवेगात्मक बुद्धि के 5 तत्व : अंतरावैयक्तिक तत्व ( यह तीनों गुण व्यक्ति के अन्दर मौजूद होते है । )
1. आत्म जागरूकता / आत्म चेतना ( SELF AWARENESS )
2. आत्म निंयत्रण ( SELF CONTROL )
3. आत्म अभिप्रेरणा / आत्म निर्देशन ( SELF MOTIVATION )
4. परानुभूति / समानुभूति / तदानुभूति ( EMPATHY ) ( दूसरे की भावनाओं को समझना )
5. सामाजिक दक्षताएँ ( SOCIAL SKILLS )
* समस्या समाधान , सम्प्रेषण , नेतृत्व , संबंध , चिन्तन आदि ।
* यह दोनों ( 4-5 ) अंतरवैयक्तिक तत्व हैं ।
नोट -
यह तत्व डैनियल गौलमेन ने बताए हैं ।
* संवेगात्मक बुद्धि की विशेषताएँ -
• स्वयं के संवेगों को पहचानती है ।
• दूसरे व्यक्तियों के संवेगों की समझती हैं ।
• स्वयं के नकारात्मक संवेगों को सही दिशा में मोड़कर उनसे काम लेती है ।
• सकारात्मक संवेग और नकारात्मक संवेग में अन्तर करने की क्षमता होती है ।
•संवेगों का उचित नियन्त्रण / प्रबन्ध / संयमित करने की क्षमता रखती है ।
* संवेगात्मक बुद्धि के प्रतिमान -
• योग्यता आधारित प्रतिमान - जॉन मेयर व पीटर सालोवे
• शीलगुण आधारित प्रतिमान - कैवी पैट्राइडस -
• मिश्रित प्रतिमान - डैनियल गोलमेन
• निष्पादन प्रतिमान - डैनियल गोलमेन
संवेगात्मक बुद्धि (Emotional Intelligence - EI) का सूत्र (काल्पनिक या परिभाषात्मक स्वरूप में):
संवेगात्मक बुद्धि (EI) = (संवेगात्मक स्थिरता × 100) ÷ मानसिक आयु
(EI = Emotional Stability × 100 ÷ Mental Age)
या यदि इसे तीन अलग-अलग हिस्सों में समझाया गया है, तो:
-
EI = (X × 100) ÷ मानसिक आयु
(यहाँ X संभवतः "संवेगात्मक स्थिरता" का प्रतिनिधित्व कर रहा है)
-
EI = (Emotional Stability × 100) ÷ Mental Age
-
EI = (E.I.D × 100) ÷ M.A.
(जहाँ E.I.D = Emotional Intelligence Determinant और M.A. = Mental Age)
ध्यान दें:
डैनियल गोलमेन ने EI को मुख्य रूप से पाँच भागों में बाँटा है:
-
आत्म-चेतना (Self-awareness)
-
आत्म-नियंत्रण (Self-regulation)
-
प्रेरणा (Motivation)
-
सहानुभूति (Empathy)
-
सामाजिक कौशल (Social skills)
उन्होंने इसे किसी गणितीय सूत्र के रूप में प्रस्तुत नहीं किया है, बल्कि इसे व्यवहारिक और मनोवैज्ञानिक विशेषताओं के रूप में समझाया है।
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* संवेगात्मक बुद्धि की उपयोगिता
• जीवन को सफल तथा शान्तिप्रिय बनाने में हायक
• संवेगों के उचित प्रबन्धन हेतु उपयोगी
• समस्याओं को हल करने में सहायक
• तनाव को दूर करने में सहायक
• नेतृत्व का गुण विकास करने में उपयोगी
* विभिन्न परीक्षण
• मेयर इमोशनल इन्टेलीजेन्स स्केल - जॉन मेयर
• मेयर सालोवे एण्ड कारूसो इमोशनल इन्टेलीजेन्स टेस्ट - जॉन मेयर , पीटर सालोवे , डेविड कारूसो
• बार ऑन इमोशनल कोशेन्ट इन्वेन्टरी - रेयुबेन बार
• मंगल संवेगात्मक बुद्धि मापनी - डॉ एल के मंगल शुभमंगल
नोट-
सामान्य बुद्धि एक निश्चित आयु के बाद नही बढ़ती जबकि संवेगात्मक बुद्धि का विकास कभी समाप्त नही होता अपितु समय के अनुसार बढ़ता जाता है ।