राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् : NCERT

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद्
National Council of Education Research and Training (NCERT

    राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् के शिक्षा में वृहत विस्तार कायम हैंइसमें इसके 'क्षेत्रीय सलाहकार कार्यालय', 'क्षेत्रीय कॉलेज' और 'राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान (HIE) आदि के अनेक विभाग सम्मिलित हैं

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् : NCERT
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् : NCERT
 
    राष्ट्रीय शैक्षिअनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् नई दिल्ली में श्री अरविंद मार्ग पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (I.I.T.) के निकट स्थित हैइसकी कार्य प्रणाली प्रमुख रूप से शिक्षा में अनुसंधान तथा विकास, सेवारत प्रशिक्षण तथा प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार से संबंधित हैपूर्व-प्राथमिक शिक्षा-स्तर से लेकर उच्चतर माध्यमिक-स्तर की शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम का विकास तथा मूल्यांकन, शिक्षण-सामग्री की रचना, अधिगम स्रोत तथा निर्देशन संबंधी कौशलों के विकास एवं प्रसार हेतु इस संस्थान के निम्नलिखित प्रमुख विभाग कार्यरत हैं -


(1) अध्यापक शिक्षा विभाग, विशेष शिक्षा तथा विस्तार सेवा (Department of Teacher Education, Special Education & Extension Services


(2) मापन तथा मूल्यांकन विभाग (Department of Measurement and - Evaluation

(3) सामाजिक विज्ञान तथा मानविकी विभाग (Department of Social Sci ence and Humanities


(4) प्रकाशन विभाग (Publication Department)


(5) विज्ञान तथा गणित शिक्षा विभाग (Department of Education in Sci ence and Mathematics


(6) क्षेत्रीय सेवा, विस्तार तथा समन्वय विभाग (Department of Field Ser vices, Extension and Co-ordination) 


(7) शिक्षा मनोविज्ञान, परामर्श तथा निर्देशन विभाग (Department of Educa tion Psychology, Counselling and Guidance


(8) व्यावसायिक शिक्षा, विभाग (Department of Vocationalization of Education



अध्यापक-शिक्षा में भूमिका 

परिषद् के विवरण-पत्र में संस्था की अध्यापक-शिक्षा में निम्नलिखित प्रमुख . भूमिका बताई गई हैं-


1. शिक्षा के सभी क्षेत्रों में अनुसंधान-कार्य करना अथवा करवाने के लिए सहायता, बढ़ावा, प्रोत्साहन व समन्वय प्रदान करना। 


2. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (N.C.T.E.) तथा शैक्षिक नवाचारों के विकास के लिए भी सचिवालय के रूप में कार्य करना। 


3. यूनेस्को, यूनिसेफ जैसे अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के अन्य देशों की संस्थाओं की शैक्षिक तिविधियों कार्यक्रमों का अवलोकन करना। 


4. शिक्षा सम्बन्धी सूचनाओं का संग्रहण सारिणीकरण करना तथा जरूरतमंदों को उपलब्ध करवाना। 


5. राज्य सरकारों एवं अन्य सम्बद्ध अभिकरणों के सहयोग से -

(i) शैक्षिक कार्यक्रमों का मूल्यांकन करना अथवा शैक्षिक मामलों में अध्ययन, अन्वेषण सर्वेक्षण करना या करवाना


(ii) शैक्षिक अनुसंधान में लगे हुए देश के संस्थानों, संगठनों, अभिकरणों के लिए विस्तार सेवाओं का, अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण और स्कूलों के लिए विस्तार सेवाओं का संचालन/आयोजन करना


(iii) देश की शैक्षिक संस्थाओं में सुधरी हुई विधियों, प्रविधियों एवं अभ्यासों को फैलाना। 


(iv)शैक्षिक अनुसंधान, प्रशिक्षण विस्तार कार्यक्रम से सम्बद्ध विचारों एवं सूचनाओं के निकासी गृह के रूप में कार्य करना

(v) संस्था के उद्देश्यों जैसे उद्देश्यों वाली संस्थाओं को पूर्णत: या आंशिक रूप से अपने में मिला लेना या उस संस्था को परिषद् की शासकीय निकाय की इच्छानुसार मदद करना। 


(vi) राष्ट्रीय स्तर पर अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सहायता प्रदान करने वाली विभिन्न पाठ्य-पुस्तकों, पत्रिकाओं अन्य साहित्य के प्रकाशन का काम हाथ में लेना। 


(vii) सेवा पूर्व सेवाकालीन प्रशिक्षण का खास-तौर से उच्च स्तरीय शिक्षा अधिकारियों हेतु आयोजन करना। 


(viii) सामान्यतः अनुसंधान के विकास, प्रशिक्षण और विस्तार सेवाओं के लिए तथा विशेषकर बहुउद्देशीय माध्यमिक शिक्षा की उन्नति के लिए, देश के विभिन्न भागों में सम्बद्ध क्षेत्रीय महाविद्यालयों को स्थापित करना संचालन करना तथा संगठनों अभिकरणों के स्कूल शिक्षा के सुधार कार्यों में सहायता मार्गदर्शन करना। 


(ix) भारत सरकार के मुख्यालय में एक राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान (N.I.E.) की स्थापना करके उसे चलाना ताकि अनुसंधान का विकास हो सकेशैक्षिक प्रशासकों एवं शिक्षा से सम्बद्ध उच्च वर्ग के अधिकारियों अध्यापक प्रशिक्षकों को सेवापूर्व व सेवाकालीन प्रशिक्षण मिल सके और विस्तार-सेवाओं का प्रबन्ध हो सके


(x) शैक्षिक अनुसंधान को बढ़ावा देने, शैक्षिक कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने, शैक्षिक संस्थाओं को विस्तार की सुविधा प्रदान कराने के अपने प्राथमिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए जिन बातों को भी परिषद् आवश्यक, प्रेरक या प्रासंगिक समझे, उन्हें करना। 


(xi) शिक्षा से सम्बद्ध मामलों में भारत सरकार, राज्य सरकार और अन्य शैक्षिक संगठनों को सलाह प्रदान करना। 

(xii) दूसरे देशों की शिक्षा-कर्मियों के कार्यों और प्रशिक्षण की सुविधाओं का अध्ययन करना एवं आवश्यक हो, तो तदनुसार परिवर्तन, संशोधन या विस्तार करना। 


(
xiii)परिषद् के प्रयोजन के लिए अपेक्षित अथवा सुविधाजनक किसी भी चल या अचल सम्पत्ति को उपहार, खरीद या पट्टे पर प्राप्त करना

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