गांधीजी की बुनियादी शिक्षा : buniyadi shiksha

गाँधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा के प्रमुख तत्व

बेसिक शिक्षा की प्रमुख विशेषता
बेसिक शिक्षा से अभिप्राय उस शिक्षा-प्रणाली से है, जो बालकों को पुस्तकीय और अव्यावहारिक शिक्षा से हटाकर एक मूलोद्योग पर आधारित व्यावहारिक और सर्वांगीण विकास की शिक्षा देती है। बेसिक शिक्षा बुनियादी है, अर्थात् वह बुनियादी सिद्धान्तों पर आधारित है। ये बुनियादी सिद्धान्त हैं-
गांधीजी की बुनियादी शिक्षा
गांधीजी की बुनियादी शिक्षा
नि:शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा, 
मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा, 
स्वावलम्बी शिक्षा, 
जीवन से संबंधित शिक्षा, 
हस्त कौशल पर आधारित शिक्षा, 
नागरिकता की शिक्षा इत्यादि। गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

बुनियादी शिक्षा व्यक्ति और समाज के बुनियादी घनिष्ठ संबंधों पर आधारित है। इसलिए बुनियादी शिक्षा जहाँ व्यक्ति को स्वावलम्बी बनाती है, वहाँ समाज को भी स्वावलम्बी बनाती है। इस प्रकार वह व्यक्तिगत शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक शिक्षा भी है। सन् 1953 ई. में भारत सरकार द्वारा प्रकाशित Understanding of Basic Education' में बेसिक शिक्षा को स्पष्ट करते हुए लिखा गया है, बेसिक स्कूल में व्यक्तिगत और सामुदायिक स्वतन्त्रता की क्रियाएँ सबसे प्रमुख मानी जाती हैं। शिशु की शिक्षा बालकों के मस्तिष्क में अव्यावहारिक विचारों को ठूंसना नहीं है। वह मूल रूप से उन्हें अच्छी आदतों नित्य कर्म, दाँत, नाक और आँखों की सफाई स्नान शारीरिक व्यायाम, कपड़े धोना तथा अन्य दैनिक क्रियाओं के अनुभव से प्रशिक्षित करना है, जिससे अच्छी आदतों का निर्माण हो सके। इस तरह बुनियादी शिक्षा में मॉन्टेसरी और किंडरगार्डन जैसी आधुनिक शिक्षण पद्धतियों के गुण विद्यमान हैं। बेसिक शिक्षा योजना के संबंध में अपनी रिपोर्ट में डॉ. जाकिर हुसैन ने लिखा है, "नई योजना भावी नागरिक को व्यक्तिगत मूल्य की एक तीव्र संवेदना, सम्मान और कुशलता की भावना उत्पन्न करने का लक्ष्य रखेगी और उसमें एक सहयोगी समुदाय में समाज शिक्षा, आत्म विकास और आत्माभिव्यक्ति की वृद्धि करेगी।" गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता



 बेसिक या बुनियादी शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य 


1. गाँधीजी के अनुसार,"शिक्षा से मेरा आशय बालक तथा मनुष्य का समग्र शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तियों का सर्वांगीण विकास करना है।" गाँधीजी के उपरोक्त कथन को ध्यान में रखकर बेसिक शिक्षा का पाठ्यक्रम इस प्रकार बनाया गया है कि जिससे बालकों की शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों का विकास ठीक प्रकार से हो सके। इसीलिए इस शिक्षा के पाठ्यक्रम में हस्तशिल्प, बागवानी, कला, गणित, भाषा, सामाजिक विज्ञान इत्यादि विभिन्न विषयों को समाविष्ट किया गया है। गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता


 2.शिक्षार्थियों को देश का उत्तम नागरिक बनाना भी बेसिक शिक्षा का उद्देश्य है। इस उद्देश्य की प्राप्ति करने हेतु बालकों में विभिन्न गुणों, जैसे-देशप्रेम, श्रम भावना, सहयोग, कर्तव्य-पालन, सदाचार, सत्यवादिता आदि का विकास किया जाता है और इस प्रकार के प्रशिक्षण पर अत्यधिक बल दिया जाता है, जिससे लोकतांत्रिक पद्धति में बालक अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर सके। गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता


3. बुनियादी शिक्षा का एक अन्य उद्देश्य है- शिक्षार्थियों का चारित्रिक एवं नैतिक विकास करना। इसी कारण इस शिक्षा में शिक्षार्थियों की नैतिकता का अत्यधिक ध्यान दिया जाता है। नैतिक शिक्षा के बारे में गांधीजी का यह कहना था कि "मैने हृदय की संस्कृति या चरित्र के निर्माण को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया है। मुझे विश्वास है कि नैतिक प्रशिक्षण सभी को समान रूप से दिया जा सकता है। इस बात से कोई मतलब नहीं है कि उनकी आयु एवं पालन-पोषण में कितना अन्तर है।" इसी कथन को ध्यान में रखकर बेसिक शिक्षा का अन्य उद्देश्य बालकों का चारित्रिक एवं नैतिक विकास करना निर्धारित किया गया।


4. यह बुनियादी शिक्षा का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इस संबंध में गाँधीजी का यह कहना था कि मैं भारत में ऐसे समाज की स्थापना करना चाहता हूँ जिसमें धन के स्थान पर श्रम का महत्व हो, जिसमें प्रेम एवं सहयोग का महत्व हो, घृणा एवं अलगाव का नहीं। इसी कारण बुनियादी शिक्षा बालकों को आत्म-बलिदान, सहयोग, अपरिग्रह, त्याग इत्यादि भावनाओं को सिखाती है।गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

बुनियादी शिक्षा के आधारभूत सिद्धान्त बुनियादी शिक्षा के प्रमुख सिद्धान्त 


  1. नि:शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा-गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

 भारत में निरक्षरता का उन्मूलन करने के लिए बेसिक शिक्षा प्रणाली में 7 साल से 14 साल तक के बालकों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान करने की योजना बनाई गई है। भारत जैसे निर्धन और अशिक्षित देश के लिए यह उपयुक्त भी सिद्ध होती है। इसमें बालक विद्यालय में विभिन्न प्रयोगों को करते हुए स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता का पाठ सीखेंगे। उनके द्वारा जो वस्तुएँ निर्मित होगी उन्हीं से उनका समस्त पढ़ाई का खर्च चलेगा। इस तरह बालकों के माता-पिता उनकी पढ़ाई में खर्च करने से मुक्त रहेंगे। काका साहब कालेलकर ने लिखा है- "सार्वभौमिक अनिवार्य शिक्षा 7 वर्ष से 14 वर्ष तक देनी चाहिए।"
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2. मातृ-भाषा शिक्षा का माध्यम -गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

- बेसिक शिक्षा में मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है क्योकि यह बालक के लिए ज्ञानार्जन में सरल, सुलभऔर स्वाभाविक होती है, इसमें मातृभाषा हिन्दी को अनिवार्य विषय के रूप में महत्व प्रदान किया गया है। कमेनियस ने मातृभाषा को महत्व देते हुए लिखा है, "मातृभाषा को सीखने के पहले विदेशी भाषा की शिक्षा प्रदान करना उतना ही विवेकहित है जितना कि बच्चे को चलने के पूर्व चढ़ना सिखाना।"

3.शिक्षा में स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता-गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

बेसिक शिक्षा द्वारा बालक विद्यालय में विभिन्न उद्योगों को करते हए स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता का पाठ सीखेंगे ताकिभविध्य में उन्हें व्यावहारिक जीवन में आर्थिक कठिनाइयाँ न झेलनी पड़ें।

        गांधीजी लिखा है, "एक राष्ट्र के रूप में हम शिक्षा के क्षेत्र में इतने अधिक पिछड़े है कि हम इस समय इस पीढ़ी के बीच क्षेत्र में राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों की पूर्ति की आशा नहीं कर सकते हैं यदि योजना पैसों पर आधारित होगी। इसलिए मैंने सुझाव दिया है कि शिक्षा आत्मनिर्भर होनी चाहिए।"

4. अहिंसा पर आधारित - गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

बेसिक शिक्षा अहिंसा पर आधारित है। विद्यालय में दण्ड का अभाव होता है। विद्यालय में वातावरण ऐसा करने का प्रयास किया जाना चाहिए जिससे कि बालकों में पारस्परिक घृणा, साम्प्रदायिक द्वेष तथा कलह की मनोवृत्तियाँ न विकसित हो सकें। इस प्रकार शिक्षालय में बालक अहिंसावादी नास्तिक बनते हैं। वास्तव में महादेव देसाई के अनुसार , आत्मनिर्भर शिक्षा अहिंसा के नैतिक आधार से विलग नहीं हो सकती।

5. परीक्षा पद्धति का विरोध - गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

बुनियादी शिक्षा परीक्षा प्रणालो के अभिशाप से पूर्णतया विमुक्त है। फलस्वरूप विद्यार्थी परीक्षा के लिए नहीं पढ़ते बल्कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए पढ़ते हैं। इसमें बालक की प्रगति और सामर्थ्य का मनोवैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण कर उसकी प्रगति की जा सकती है।

6. शिक्षा का आधार हस्तकला - गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

बेसिक शिक्षा का प्रमुख आधार हस्तकला है क्योंकि इसमें किसी हस्तकला, जैसे-कताई-बुनाई, कृषि, गह-कला, बागवानी, मिट्टी, लकड़ी, चमड़े और धातुओं वाली वस्तुओं का निर्माण आदि शामिल है-को केन्द्र मानकर अन्य विषयों की शिक्षा देने की व्यवस्था की गई। इस तरह इस प्रणाली में क्रिया द्वारा शिक्षा' (Learning by doing) तथा 'अनुभव द्वारा सीखना' (Learning by Experience) दोनों शिक्षा सिद्धान्त निहित हैं। इसमें बालकों के हाथ और मस्तिष्क में सह-संबंध (Correlation) स्थापित हुए दोनों साथ-साथ विकसित होंगे। गाँधीजी के शब्दों में, "प्रत्येक हस्तकार्य आजकल की भाँति यंत्रवत नहीं बल्कि वैज्ञानिक ढंग से सिखाया जाएगा ताकि बालक प्रत्येक क्रिया के कार्य-कारण संबंध को अच्छी तरह समझ जाएं।" श्री लालाजी ने लिखा है कि बनियादी हस्तकला सूर्य मण्डल के केन्द्र के रूप में होनी चाहिए तथा अन्य विषयों के ग्रह-नक्षत्रों की तरह चारों तरफ थमने तथा केन्द्रीय र सूर्य से अपने उत्ताप या रोशनी को प्राप्त करना चाहिए।"

7.शिक्षकों के चरित्र एवं व्यक्तित्व पर जोर-गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

चूँकि बेसिक शिक्षा में शिक्षकों के बीच घनिष्ठ संबंध रहता है अत: यह अति आवश्यक समझा जाता है कि शिक्षक चरित्रवान, ज्ञानवान, क्षमाशील, मृदुभाषी, मिलनसार, कर्तव्यपरायण, विनोद-प्रिय, स्फूर्ति परिश्रमी तथा संयमी हों।

8.शिक्षालय समाज का वास्तविक प्रतिनिधि के रूप में- गांधीजी के अनुसार बुनियादी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा की वर्तमान समय में प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता, बुनियादी शिक्षा की विशेषता, बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन PDF, बुनियादी शिक्षा PDF, buniyadi shiksha, buniyadi shiksha pdf, बुनियादी शिक्षा क्या है इन हिंदी, buniyadi shiksha definition, buniyadi shiksha in english, बुनियादी शिक्षा पीडीऍफ़, बुनियादी शिक्षा की प्रासंगिकता

बुनियादी शिक्षा पद्धति में शिक्षालय का वातावरण समाज के वातावरण के तुल्य बनाया जाता है ताकि बालक शिक्षालय और इसके बाहर अर्थात् घर, पड़ोस, खेल के मैदान आदि में अन्तर अनुभव न करें। बालकों को सामाजिक विरासत अर्थात् सभ्यता और संस्कृति से परिचित कराया जाता है।

    स्वतन्त्रता-प्रधान प्रणाली- बेसिक शिक्षा पद्धति में बालकों के स्वतंत्र विकास पर विशेष बल दिया जाता है। दूसरे शब्दों में, शिक्षालय में ऐसा वातावरण रखा जाता है कि बालकों को प्रवृत्तियों का स्वतन्त्रतापूर्वक विकास हो सके। ऐसा करने से बालक जिस प्रकार 'खेल' में रूचि और आनन्द लेता है उसी प्रकार उसे ज्ञानार्जन करने मेंआंनद का अनुभव होता है। इस तरह यह प्रणाली भनोवैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है।

बुनियादी शिक्षा का पाठ्यक्रम



1.प्राइमरी शिक्षा हेतु पाठ्यक्रम- 

कक्षा 1 से 5 तक के पाठ्यक्रम को दो भागों में विभक्त किया गया है

i.क्रियात्मक पाठ्यक्रम- 

कृषि, उद्यान लगाना, मिट्टी के खिलौने बनाना, कताई बुनाई आदि हस्तकलाएँ।

ii. ज्ञानात्मक पाठ्यक्रम - 

कृषि एवं सामान्य विज्ञान, स्वास्थ्य विज्ञान, गणित सामाजिक विषय, मातृभाषा।

यह पाठ्यक्रम बालक एवं बालिकाओं के लिए समान है।

2. उत्तर बेसिक शिक्षा- 

कक्षा 6 से 8 तक के लिए निम्न पाठ्यक्रम बनाय गया।

i.क्रियात्मक पाठ्यक्रम- 

हस्तकला एवं अन्य कलायें- कताई, बुनाई, काष्ठ कला, गृहकला, सिलाई, पुस्तक कला।

ii. ज्ञानात्मक पाठ्यक्रम -

हिन्दी, सामान्य विज्ञान, गणित तथा दो वैकल्पिक विषयसंगीत, वाणिज्य, अंग्रेजी, कला और आधुनिक भारतीय भाषा। . Pro लड़कियों के लिए सामान्य विज्ञान के स्थान पर गृहकला विषय है।

बेसिक शिक्षण विधि


बेसिक शिक्षा 'हस्तकौशल केन्द्रित शिक्षा' (Craft Centreal education मानी जाती है क्योंकि इसमें किसी एक हस्तकला को शिक्षा का केन्द्र मानकर उसके चारों तरफ अन्य विषयों को केन्द्रित करके उनकी शिक्षा प्रदान की जाती है। इस दृष्टि से बेसिक शिक्षा अन्य शिक्षण विधियों से अलग है। पूर्व-बेसिक तथा उत्तर-बेसिक शिक्ष के पाठ्यक्रमों के अनुसार बेसिक शिक्षा पद्धति में निम्नांकित शिक्षण विधियाँ (Teach ing Method) का प्रयोग किया जाता है

1. क्रमानुसार शिक्षण विधि-

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सम्पूर्ण बेसिक शिक्षा 'सात क्रमानुसार कक्षाओं (Seven gradual classes) में विभक्त है। गाँधीजी ने 'बाल्यावस्था' (Child hood) तथा 'पूर्व-बेसिक शिक्षा' (pre-Basic Education) के महत्व पर अप विचार प्रकट करते हुए कहा है कि "नई तालीम यह मानती है कि शिक्षा की इमार अगर पक्की करनी है तो नींव शहरी होनी चाहिए। घर,स्कूल, एक गाँव के बच्चे के शरी एवं मन का सर्वांगीण विकास' नागरिकता की पहली तैयारी है। नई तालीम योजना: पूर्व बुनियादी तालीम या बच्चों का शारीरिक पोषण, तन्दुरूस्ती की देखभाल, व्यक्तिग और सामाजिक तालीम काम और सेवा की सृजनात्मक व रचनात्मक प्रवृत्तियाँ, भाष कला और संगीत में आत्म प्रकटन, सादा हिसाब, प्रकृति निरीक्षण आदि बच्चों की जिन्दा से संबंध रखने वाली सभी बातें शामिल हैं।" इस पाठ्यक्रम के अनुसार प्रथम कक्षा' लेकर आठवीं कक्षा तक समस्त विषयों की क्रमानुसार शिक्षा प्रदान की जाती है।

2. अनुकरण विधि -

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बालक अपने स्वभाव से ही अनुकरणशील होते है औ इसलिए वे दूसरों का अनुकरण शीघ्र ही कर लेते हैं। अत: बेसिक शिक्षा में घर, समा तथा विद्यालय का वातावरण उसके स्वाभाविक विकास के अनुकूल रखने पर विशे बल दिया जाता है।

3. सह-सम्बद्ध विधि -

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बेसिक शिक्षा पद्धति में प्रत्येक विषय को 'प्राकृति एवं सामाजिक वातावरण' तथा 'हस्त कला' (craft) से संबंधित करने का प्रयास कि जाता है। बालक अपनी-अपनी रूचि के अनुसार हस्तकला का चुनाव कर सकते। उसी के माध्यम से उन्हें अन्य विषयों को पढ़ाया जाता है । इस बात का विशेष ध्य रखा जाता है कि जो ज्ञान बालकों को दिया जाएं उसका संबंध उनके 'व्यावहारिक जीव (Practical life) से हो और वे उसका व्यावहारिक जीवन में प्रयोग भी कर सके |

4. क्रिया-विधि - 

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बेसिक शिक्षा पद्धति में बालकों को रचनात्मक क्रियाओं का अध्ययन करने का पूर्ण अवसर प्रदान किया जाता है। प्रांरभ में उनसे छोटे-छोटे उपयोगी कार्य कराये जाते है। धीरे-धीरे वे खेल-खेल में हस्त-कार्यों में रूचि लेने लगते हैं और इनके माध्यम से वे अन्य विषयों का ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं।

5.निरीक्षण विधि-

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यद्यपि बेसिक शिक्षा में बालक को केन्द्रीय स्थान प्रदान किया जाता है किन्तु बालक कहीं विशेष गलती न कर बैठे इस दृष्टिकोण से शिक्षक द्वारा उनके कार्यों का निरीक्षण करना अति आवश्यक हो जाता है। निरीक्षण विधि की सफलता सुशिक्षित अध्यापकों पर निर्भर है।
Kkr Kishan Regar

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