समानता का संवैधानिक दृष्टिकोण
समानता का संवैधानिक दृष्टिकोण स मानता का संवैधानिक दृष्टिकोण क्या है? संवैधानिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण के मध्य क्या अंतराल है? दोनों दृष्टिकोण में संतुलन के क्या उपाय हो सकते हैं?
समानता का संवैधानिक दृष्टिकोण स मानता का संवैधानिक दृष्टिकोण क्या है? संवैधानिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण के मध्य क्या अंतराल है? दोनों दृष्टिकोण में संतुलन के क्या उपाय हो सकते हैं?
नागरिकों के मूल अधिकार नागरिकों के मूल अधिकार - आधुनिक लोक कल्याणकारी राज्यों का प्रमुख उद्देश्य राज्य का बहुमुखी विकास करना है । यह तभी संभव है जब नागरिकों को विकास के लिए अधिकार प्रदान किये जाये। अधिकार वे शर्ते हैं जिनके आधार पर नागरिक अपने व्य…
भारतीय संविधान की विशेषताएँ Features of Indian Constitution भारतीय संविधान की विशेषताएँ -भारतीय संविधान एक उच्च कोटि की रचना है जिसे गहन चिन्तन के बाद तैयार किया गया। यह अपनी सामग्री तथा भावना की दृष्टि से अनोखा है। इंग्लैण्ड, अमेरिका तथा आयरलैंड …
राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना शिक्षक शिक्षा-2009 की आवश्यकता एवं महत्त्व Need and Importance of National Curriculum Framework Teacher Education 2009)—इसकी आवश्यकता एवं महत्त्व के कारकों का वर्णन निम्न प्रकार किया जा सकता है राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संरचना …
वुड के घोषणा-पत्र 1854 की मुख्य सिफारिशों की व्याख्या "वुड का घोषणा-पत्र भारतीय शिक्षा के इतिहास में एक महाधिकार-पत्र के रूप में जाना जाता है। वुड का घोषणा-पत्र वुड का घोषणा-पत्र, 1854(Woods Despatch-1854) कम्पनी शासन ने 20 वर्ष के बाद घोषणा …
बौद्ध परम्परा के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य बौद्ध धर्म की शिक्षा का उद्देश्य बौद्धकालीन शिक्षा के गुण बौद्ध दर्शन का शिक्षा पर प्रभाव (Impact of Buddhist Philosophy on Education) बौद्ध दर्शन के अनुसार शिक्षा संसारिक दुःखों से मुक्ति दिलाने या निर…